Monday, November 18, 2024

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मीडिया फैक्ट चेक

फैक्ट चेक: क्या मोहन भागवत ने राष्ट्रवाद को नाज़ीवाद और हिटलर से जोड़ा?

भाषण के शुरू में ही मोहन भागवत स्पष्ट कहते सुने जा सकते हैं कि शब्दों का अर्थ बदलता जा रहा है। इसके बाद ही उन्होंने बताया है कि राष्ट्रवाद शब्द के इस्तेमाल करने पर आपके कथन का सीधा अर्थ फासीवाद और नाजीवाद से जोड़ दिया जाता है।

दलितों ने नहीं अपनाया इस्लाम: ‘सूत्रों’ के हवाले से फर्जी खबर छाप कर टाइम्स ऑफ इंडिया फैला रहा प्रोपेगेंडा

मीडिया अक्सर इस तरह की कारस्तानी सस्ती चर्चा, बहस और लोकप्रियता कमाने के उद्देश्य से किया करती है।

अमित शाह पर राजदीप सरदेसाई ने फैलाया झूठ, फजीहत होने पर दो बार करने पड़े ट्वीट डिलीट

“अगर झूठे वादे करने की देश में कोई प्रतियोगिता होती, तो केजरीवाल को निश्चित रूप से पहला पुरस्कार मिलेगा। मैं केजरीवाल को याद दिलाने के लिए आया हूँ कि आप तो अपने किए गए वादों को भूल गए, लेकिन न तो दिल्ली की जनता और न ही भाजपा कार्यकर्ता भूले हैं। आपके पास शायद इसकी सूची नहीं है, लेकिन मेरे पास है।”

फैक्ट चेक: केरल को बाढ़ राहत फंड देने पर कौन कर रहा है बदले की राजनीति, India Today या केंद्र सरकार?

इंडिया टुडे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा कि केंद्र ने केरल में बाढ़ पीड़ितों को राहत फंड देने में उन्हें राजनीतिक कारणों से नजरअंदाज किया है। इंडिया टुडे ने इस खबर को राजनीतिक रंग देते हुए केंद्र की दक्षिणपंथी भाजपा सरकार पर केरल की 'लेफ्ट' सरकार से बदले की भावना का इस्तेमाल करने के आरोप भी लगाए।

JNUSU कार्यकर्ता को ABVP का बता डाला… राहुल कंवल ने स्टिंग के नाम पर ऐसे किया गड़बड़झाला

राहुल कंवल के फ़र्ज़ी दावे वाली फ़ोटो का संबंध दूर-दूर तक ABVP या 'ABVP की रैली' से नहीं था। उनके खोखले दावे का सच ख़ुद राहुल कंवल द्वारा शेयर किए गए जनसत्ता के लेख से भी हो गया। इसमें विरोध-प्रदर्शन के लिए स्पष्ट तौर पर आइशी घोष और JNUSU का उल्लेख किया गया था, न कि ABVP का।

मदरसा छात्रों और मौलवी के मलद्वार से बहा था खून, UP पुलिस का टॉर्चर: मीडिया गिरोह की साजिश का भंडाफोड़

सआदत छात्रावास के नाबालिग लड़कों ने ख़ुद दावा किया कि उनके गुदा से ख़ून बहने की ख़बरें झूठी हैं। सीतापुर के रहने वाले 21 साल के इरफ़ान हैदर ने बताया कि 'कुछ मदरसा छात्रों को पुलिस यातना का दंश झेलना पड़ा' जैसी सारी ख़बरें झूठी थीं, इनका कोई आधार नहीं था।

बिग BC के इक़बाल अहमद, पत्रकार की तरह लिखो, मजहबी मत बनो, चीजें बेहतर दिखेंगी

IIT, फैज, CAA, मोदी-शाह विरोध... मतलब गिरोह विशेष के लिए फेक न्यूज फैलाने का भरपूर मसाला। ऐसे में सिर्फ BBC ही इसमें क्यों आगे रहे! मीडिया के तमाम बड़े नामों ने 'फैज की नज्म हिंदू विरोधी' के टाइटल से खबर चलाई। किसी ने भी सच जानने की कोशिश नहीं की।

NDTV का नया कारनामा: दंगाइयों को बताया ‘प्रदर्शनकारी’, रिपोर्ट में बदला CM योगी का बयान

NDTV ने ट्वीट के पूरे अर्थ को ही अपने मन-मुताबिक बदल दिया। जहाँ All the rioters are shocked (to see police action) होना चाहिए, वहाँ लिखा - 'SHOCKED EVERY PROTESTER' जिसका मतलब है कि ‘हर प्रदर्शनकारी को (पुलिस ने/सरकार ने) हैरान कर दिया।

खिसियाया रवीश ऑपइंडिया नोचे: न्यूज़लॉन्ड्री का लेख रवीश ने ही लिखवाया, एडिट किया, नहीं चला तो खुद शेयर किया

हर उस आदमी को गोदी मीडिया, आईटी सेल, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी बोल देते हैं, जो उनके पाखंड की पोल खोलने की जुर्रत करता है। मुझे भरोसा है कि रवीश जी सबका नाम किसी कॉपी में लिखकर रख रहे होंगे कि जब राहुल गाँधी प्रधानमंत्री बनेंगे तो उनसे बोलकर सबको जेल भिजवाएँगे।

मुस्लिम होंगे देश से बाहर, सिर्फ धर्म के आधार पर लागू होगा NRC? द वायर फैला रहा झूठ: Fact Check

द वायर ने ये नहीं बताया कि उसने किस आधार पर यह तय किया कि पूरे देश में NRC लागू होने का यही तरीका होगा। क्या इसके लिए सिर्फ धर्म ही एकमात्र आधार होगा। क्या इसके लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र वगैरह जैसे किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी?

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