आईएएस अधिकारी प्रभात मिश्र ने तहसीलदार के माध्यम से 17 दिसम्बर 1955 में जमीन को आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी के नाम करा ली। जबकि उस समय तहसीलदार को नामान्तरण का अधिकार नहीं था।
प्रियंका को शुक्रवार को जब सोनभद्र जाने से रोका गया तो वह सड़क पर ही बैठ गईं और जोर देने लगीं कि उन्हें आगे जाने की इजाजत दी जाए। इसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया।
प्रदेश अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग ने सभी आरोपितों पर रासुका के तहत कार्रवाई करने को कहा है। आयोग के अध्यक्ष डीजीपी बृजलाल के मुताबिक़ इस कांड में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही सामने आई है।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जो गौ-पालक दूध निकाल कर पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं, उनके ख़िलाफ़ जुर्माने और दंड की सख्त कार्रवाई हो। वहीं जो निराश्रित गोवंश को पाल रह हैं, उन्हें 900 रुपए प्रतिमाह दिए जाएँ।
अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने के शासन के आदेश के बाद आईजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। इसमें मोहित अग्रवाल के अलावा एसएसपी (कानपुर) अनंत देव और एसपी (कन्नौज) अमरेन्द्र प्रसाद सिंह शामिल थे। इस कमेटी ने शासन को दागी पुलिसकर्मियों की लिस्ट भेजी थी। इसमें ड्यूटी से गैर-हाज़िर रहने वाले, भ्रष्टाचारी, घूसखोर, काम न करने वाले पुलिसकर्मी शामिल थे।
मुख्यमंत्री द्वारा करवाई जा रही इन शादियों में सांसद और विधायक के अलावा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को भी बुलाया जाएगा। इसके साथ ही कन्या को दी जाने वाली राशि भी इस बार बढ़ा दी गई है। पहले एक बेटी को सरकार की तरफ से 35 हजार रुपए मिलते थे लेकिन अब 51 हजार रुपए कन्यादान के रूप में दिए जाएँगे।
इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बावजूद अभी 100 से भी अधिक ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर सरकार की नज़र है। इन सुस्त अधिकारियों को सरकार ने अभी अपने रडार पर रखा है और इन पर कार्रवाई की गाज कभी भी गिर सकती है।
NaMo ऐप पर एक भाजपा नेता द्वारा हाल ही में दावा किया गया था कि मेरठ के प्रहलाद नगर से कम से कम 125 हिन्दू परिवारों ने इलाक़े में मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिन्दू महिलाओं के उत्पीड़न के कारण पलायन किया है।
शारीरिक रूप से स्वस्थ भिखारियों के पुनर्वास के लिए शहर के 5.8 लाख घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को दैनिक स्वच्छता कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जैसे कि कचरा इकठ्ठा करना, नालियों की सफाई और सड़कों की सफाई आदि।
यूपी में अनुसूचित जातियों के लिए 17 लोकसभा और 403 विधानसभाओं में से 86 सीटें रिजर्व हैं। इनमें इन जातियों को चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा। जबकि, ओबीसी के लिए सीटें रिजर्व नहीं हैं। इसका दुष्परिणाम जातिगत राजनीति करने वाली सपा-बसपा जैसी पार्टियों को भुगतना पड़ेगा।