पुष्यमित्र शुंग ने भारतवर्ष में क्षीण हो रहे सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का स्वप्न देखा था। इसकी वजह से वामपंथी इतिहासकारों ने उसे नरसंहारक और कट्टर के तौर पर पेश किया।
इस कलाकार के इरादे इस दिशा में तब और मजबूत हुए, जब 19 जनवरी को उन्होंने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार पर 30 साल बीत जाने पर भी लोगों को चुप देखा।
प्रसार भारती की भूतपूर्व अध्यक्ष और पत्रकार मृणाल पांडे ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम 'बंदर' से भी जोड़ दिया है। उनका कहना है कि गुजराती में पोर्ट को बन्दर कहते हैं।
वामपंथी वेबसाइट द स्क्रॉल ने एक बार फिर से इसी ट्रैक पर चलते हुए जनवरी से मई 2020 तक 65 लाख टन अनाज बर्बाद होने का झूठ फैलाया। प्रोपेगेंडा पोर्टल की रिपोर्ट में परोसे गए झूठ की पोल खुद पीआईबी ने फैक्टचेक कर खोली है।