रामपुर से सपा सांसद 'भू-माफिया' आजम खान के खिलाफ सरकारी और किसानों की जमीन पर कब्जा करने के साथ ही बिजली चोरी, अतिक्रमण, भैंस चोरी तथा अभ्रद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लगभग 80 मामले दर्ज हैं।
रामपुर के डीएम ने बताया कि अखिलेश यादव की तरफ से धरने की अनुमति नहीं माँगी गई थी। फिलहाल यहाँ पर धारा 144 लागू है। 50 से अधिक लोग गाँधी समाधि के पास इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। यह नियम सभी पर लागू होता है, अखिलेश यादव पर भी।
आईपी सिंह ने इससे पहले कहा था कि बेरोजगारी और भूखमरी से ध्यान हटाने के लिए भाजपा चंद्रयान-2 का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी लोगों को चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने को इसलिए बोल रहे हैं ताकि कोई आर्थिक तबाही के बारे में सवाल न पूछे।
इस धंधे में मुज़म्मिल और शादाब के कई और साथी भी लिप्त हैं। मुज़म्मिल के बारे में यह भी पता चला है कि वह मायावती सरकार के दौरान बसपा में शामिल था। जाली नोटों के धंधे पर शिकंजा कसने के लिए गोवा पुलिस को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से...
2016 में सपा सांसद आज़म खान ने 'कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना' के अंतर्गत सपा कार्यालय से मकानों के आवंटन पत्र बाँटे थे। जबकि, सरकारी ऑफिस में इन मकानों के आवंटन का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
शिकायतकर्ता के मुताबिक उससे कहा गया कि यह जमीन अब आजम खान की है। यहाँ वह एक स्कूल बनाएँगे और फिर बाद में उन्होंने उनके घर पर बुलडोजर चला दिया। पीड़ित का कहना है कि उस वक़्त पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से मना करते हुए धमकी भी दी थी।
..वो लोग घर में रखे समान व सोने-चाँदी के आभूषण सहित नगदी लूट कर ले गए और जाते-जाते जान से मारने और झूठे मुकदमों में फ़साने की धमकी भी देकर फरार हो गए। इस कारण उस समय पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
एसपी ने बताया कि इस मामले में दो FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें छ: लोगों को नामज़द किया गया है, इनमें सांसद आज़म खान, पूर्व सीओ आले हसन, फ़साहत शानू, वीरेंद्र गोयल, एसओजी का एक पूर्व सिपाही धर्मेंद्र आदि शामिल हैं।
एनजीटी को जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मामले की जाँच के बाद तैयार किया था। इस टीम को जाँच के निर्देश कमिश्नर यशवंत राव ने दिए थे, जिन्होंने जाँच रिपोर्ट एनजीटी को भेज दिए जाने की भी पुष्टि की है।
प्रदेश अध्यक्ष के पद को छोड़कर अखिलेश ने सभी के पद ख़त्म कर दिए हैं। पार्टी अब नए सिरे से लोगों को ज़िम्मेदारी सौंपने का काम करेगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।