"भारत में कुछ लोग इनके प्रवेश का विरोध करते हैं। इन्हें नागरिकता देने की बात पर राजनीति साधते हैं। वे चाहते हैं कि आतंकियों को भी नागरिकता दी जाए ताकि वे यहाँ उनका पालन कर सकें और हत्याएँ जारी रख सकें।"
हमला सुबह-सुबह हुआ। उस समय अरदास के लिए गुरुद्वारे में छोटे बच्चों समेत करीब 150 लोग मौजूद थे। मोहन सिंह ने बताया कि गोली चलने की आवाज सुन उन्होंने खुद को टेबल के नीचे छिपा लिया। अचानक धमाका हुआ और छत का एक टुकड़ा उन पर आ गिरा।
आत्मघाती धमाके के बाद बंदूकधारी गुरुद्वारे में दाखिल हो गए। सुरक्षा बलों ने गुरुद्वारे के पहले तल को खाली करा लिया है। मुठभेड़ जारी है। अंदर फॅंसे कई लोग सकुशल बाहर निकाल लिए गए हैं।
साल 2000 में अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान 19-20 मार्च की रात आर्मी की ड्रेस में आए हमलावरों ने 35 सिखों को मौत के घाट उतार दिया था वहीं 36 वीं मौत इस भयंकर मंजर को देख, एक महिला को हुए कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई थी।
इससे पहले इमरान खान की कैबिनेट के एक पूर्व सदस्य बलदेव सिंह को भारत में शरण लेनी पड़ी थी। एक अन्य सिख नेता चरणजीत सिंह को मई 2018 में पेशावर में गोली मार दी गई थी।
बकौल राधेश सिंह, पाकिस्तान में उनके जवान बेटे को पकड़ कर उसे ख़ूब मारा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस में शिकायत किए जाने के बाद उन्हें ख़ुफ़िया एजेंसियाँ भी कॉल करके धमकियाँ देने लगीं। उनपर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाने लगा।
बर्बरता की उस रात निहत्थे सिखों को दो समूहों में खड़ा किया गया। आतंकियों में से एक पास के ही गाँव का रहने वाला था। उसे एक सिख ने पहचान लिया। गोलीबारी से पहले उसने आतंकी से पूछा ‘चट्टिया तू इधर क्या कर रहा है’?
ख़ुद को स्टैंड-आप कॉमेडियन बताने वाले अतुल खत्री ने हिन्दुओं और सिखों के महत्वपूर्ण त्योहार लोहड़ी का सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ाया। कई लोगों को खत्री की बात अश्लील भी लगी और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। खत्री ने लिखा कि वो 'बहन की लोहड़ी (Behen Ki Lohri)' में जा रहे हैं।
"आज मुझे अपने भाई की लाश उठानी पड़ रही है। कल को मेरे और भी हिन्दू, सिख और ईसाई भाइयों को इस स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। पाकिस्तान दुनिया भर में ढिंढोरा पीटता है कि यहाँ अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। लेकिन हमारी हालत देखिए, हम रोते-बिलखते आपके सामने खड़े हैं।"