पाकिस्तान के आकाओं और "ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस" के नेताओं द्वारा हुर्रियत से जुड़े संगठनों के खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए। एनआईए के पास इससे सम्बंधित सबूत हैं और इसे लेकर शब्बीर शाह से पूछताछ की गई। शब्बीर के जम्मू, श्रीनगर और अनंतनाग में भी व्यापार हैं।
अजहरुद्दीन के साथ गिरफ्तार हुए अन्य आरोपितों के नाम हैं- अकरम सिंधा, शेख हिदायतुल्लाह, अबुबकर, सद्दाम हुसैन और शहीम शह उर्फ़ इब्राहिम। छापेमारी में NIA ने 14 मोबाइल, 29 सिम, 6 मेमोरी कार्ड्स, 3 लैपटॉप, 4 हार्ड डिस्क, 13 सीडी व डीवीडी बरामद किया। इसके अलावा 300 एयर गन पेलेट और कई भड़काऊ दस्तावेज भी बरामद किए गए।
कोर्ट ने इन तीनों को पेशी से छूट तो दी ही इसके अलावा आरोपियों के वकीलों को विस्फ़ोट वाली जगह पर जाने की अनुमति भी दी। ग़ौरतलब है कि मालेगाँव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की बेंच ने मालेगाँव ब्लास्ट मामले की विशेष जाँच समिति (SIT) से जाँच कराने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। कोर्ट का कहना था वो अपनी इस याचिका को ट्रायल कोर्ट में ही दाखिल करें।
वह श्री लंका हमले का साज़िशकर्ता ज़हराम हाशिम और इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर के वीडियो देखता था। वह भगोड़ा अब्दुल राशिद के ऑडियो क्लिप्स सुना करता था। वह आतंकी अब्दुल खयूम से भी ऑनलाइन चैट कर रहा था। वह अशफ़ाक़ मज़ीद से भी संपर्क में था।
निसार अहमद तांत्रे जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर दिसंबर 2017 में हमले का मुख्य साज़िशकर्ता है। ये हमला 30-31 दिसंबर 2017 की रात में किया गया था। इस हमले में हमारे पाँच जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
कल एनआईए ने देश में एक बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश का भंडाफोड़ कर के आतंकी मंसूबों पर पानी फेर दिया। गिरफ्तार आतंकियों में मौलवी, कॉलेज के छात्र और ऑटो रिक्शा चालाक शामिल हैं।