पी चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पेशी के दौरान कहा कि चिदंबरम को तिहाड़ जेल में लेटने के लिए बिस्तर तो मिला है, लेकिन तकिया नहीं दिया गया है। बैठने के लिए कुर्सी भी नहीं मिल रही है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ता है।
तिहाड़ जाने से पहले चिदंबरम ने अदालत से कहा था कि वह जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ जेल में रहना चाहते हैं, जहाँ पर एक बिस्तर दवाई की सुविधा, बाथरूम और वेस्टर्न टॉयलेट भी हो। अदालत द्वारा उनके इस निवेदन को......
सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के लिए घर में नजरबंदी ही अच्छी होगी, उनको गिरफ्तारी से छूट दी जाए और जमानत के लिए आवेदन करने दिया जाए। वहीं CBI का कहना है कि इस पर फैसला ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए और पी चिदंबरम को किसी भी तरह का संरक्षण न मिले।
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को भी अपने लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा, "हमें बताया गया कि सीजेआई इस पर फैसला लेंगे। जबकि सुप्रीम कोर्ट हैंडबुक के अनुसार, अगर सीजेआई संवैधानिक पीठ में व्यस्त हैं तो नियमानुसार दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश इसकी सुनवाई करें। हमें अपना अधिकार नहीं मिला।"
”हम समझते हैं कि नेहरू की वजह से कश्मीर हमारे पक्ष में आया। अगर रेडक्लिफ अवॉर्ड न होता और गुरदासपुर हमारे पास न होता और मैजॉरिटी का सिद्धांत माना जाता तो शायद यह राज्य हमारे पक्ष में न आता। उस वक्त सरदार पटेल होम मिनिस्टर थे और वही यहाँ 370 लेकर आए।”
"चैनल के ठप्प हो जाने के पीछे प्रधानमंत्री मोदी को वजह बताना बिलकुल झूठ है, भारत सरकार ने कुछ नहीं किया है। इन पति-पत्नी ने तिरंगा TV के स्टाफ़ से मिलने की कोशिश तक नहीं की और चैनल बंद करके लंदन चले गए, जिस कारण मैं इन्हें माल्या बुलाने पर मजबूर हूँ।"
"कपिल सिब्बल ने हमें आश्वासन दिया था कि चैनल दो साल के लिए चलेगा, तो हम यहाँ आ गए। लेकिन अब करोड़ों कमाने के बावजूद चैलन हमें नियमानुसार तीन महीने की सैलरी देने से मना कर रहा है।"
कपिल सिब्बल के झूठे दावों की प्रामाणिकता पर कई सवाल भी उठाए गए, बावजूद इसके उन्होंने टीएनएन न्यूज़ पोर्टल के लेखों का उपयोग करते हुए एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। टीएनएन ने देश में बड़े पैमाने पर EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए लाइव प्रसारण भी किए।
सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि तुम्हें ज़मानत पर रिहा करने में कोई ख़तरा नहीं है सिवाए इसके कि तुम दोषी करार दिए जा चुके हो।
कॉन्ग्रेस भले ही जवानों की इस माँग को पूरा करने में विफल रही हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग में यह चीज तब से थी, जब वो पीएम नहीं बने थे। इस मंच से उन्होंने किया था कि सत्ता में आते ही देश के सैनिकों की याद में युद्ध स्मारक का निर्माण कराया जाएगा।