इमरान खान ने किसी का नाम नहीं तो लिया, लेकिन साफ है कि वे किसकी तरफ इशारा कर रहे थे। 2013 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने BJP और RSS पर हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। पी चिदंबरम ने भी भगवा आतंकवाद पर विवादित बयान दिए थे। ये दोनों UPA सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं।
कॉन्ग्रेस के 13, जदएस के 3 और एक स्वतंत्र विधायक को कर्नाटक विधान सोउधा (विधान सभा) के तत्कालीन अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने जुलाई में सदन के लिए अयोग्य करार दिया था। इन विधायकों के हट जाने से एचडी कुमारास्वामी की कॉन्ग्रेस-जदएस सरकार गिर गई थी.....
"मुझे गर्व है कि मैं जब संसद पहुँचा तो वहाँ पर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े नेता थे, सोमनाथ चटर्जी स्पीकर थे। मुझे गर्व है कि जब मैं संसद पहुँचा तो मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। यह सभी बड़े नेता थे, वे पार्टी से अलग जा सकते थे।"
पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने कहा कि वो जल्द ही एक नया राजनीतिक दल बनाएँगे। इन नेताओं ने कहा कि उन्होंने राज्य में NRC लागू करने का माँग की थी और भ्रष्ट नेताओं के साथ किसी भी तरह का समझौता करने से इनकार कर दिया था। लेकिन कॉन्ग्रेस ने...
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से पाक लगातार कॉन्ग्रेस को हथियार बनाकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। उसने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में राहुल गॉंधी के बयान का जिक्र किया था। बाद में राहुल ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश करते हुए कहा था कि कश्मीर में हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
"मेरे पिताजी ने हमेशा देशहित को दलगत राजनीति से ऊपर रखा था। मैं अपने पिता की ही संतान हूँ, राजनीतिक ध्रुवीकरण के बढ़ते जाने पर भी अपने मूल सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करूँगा।"
"मैं सिद्दरमैया का पालतू बनाया हुआ कोई तोता नहीं हूँ। उनके जैसे कई हैं, जो एचडी देवेगौड़ा के शासन में फल-फूले। मैं मुख्यमंत्री कॉन्ग्रेस आलाकमान के आशीर्वाद के चलते बना।"
प्रद्योत ने प्रदेश के वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता लुइज़िन्हो फलैरो पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने का दबाव बनाया था। प्रद्योत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर असम की तरह NRC की माँग की थी।
मुंबई में जब 12 सिलसिलेवार धमाके हुए और सैकड़ों निर्दोष मारे गए तो पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। सूद ने दावा किया कि पवार ने 12 की बजाए एक मस्जिद सहित 13 जगह धमाके होने की बात कह लोगों की आँखों में धूल झोंका। शायद वे पाकिस्तान और दाऊद इब्राहिम से देश का ध्यान भटकाना चाहते थे।
अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प द्वारा उपरोक्त अभियान के नारे को याद किया। कॉन्ग्रेस नेताओं और अन्य मीडिया गिरोहों ने मिलकर झूठ फैलाया कि पीएम मोदी ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का समर्थन किया।