Monday, June 24, 2024

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सिंघु बॉर्डर पर RAF तैनात, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार सरकार, कानून खत्म करना विकल्प नहीं

दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर किसानों के आंदोलन को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।

किसान आन्दोलन की आड़ में Airtel-Vi कर रहे हैं दुष्प्रचार, रिलायंस जियो ने की TRAI से एक्शन लेने की माँग

रिलायंस जियो ने Airtel-Vi को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि दोनों कंपनियों ने ट्राई के नियमों का उल्लंघन किया है।

अब एक-दूसरे की फसल काट रहे किसान नेता: उगराहा उपवास से अलग, भानु दो फाड़; UP वाले ‘सरदार’ पंजाब के दबदबे से नाखुश

विपक्षी दलों, खालिस्तानी कट्टरपंथियों और वामपंथियों के हाथों 'किसान आंदोलन' के हाइजैक होने के बाद अब किसान संगठनों में भी आपस में लड़ाई शुरू हो गई है।

दिल्ली की कंपनी, पिपरिया के किसान, कंप्लेन हुई तो 24 घंटे के भीतर खरीदना पड़ा धान: नए कृषि कानून की उपज यह भी

मध्य प्रदेश में नए कृषि कानून के तहत पहली कार्रवाई हुई है। शिकायत के 24 घंटे के भीतर किसानों को न्याय सुनिश्चित किया गया है।

‘हिंसक वामपंथी कर रहे आंदोलन का नेतृत्व’: किसानों ने तीनों कृषि कानूनों का किया समर्थन, कहा- वापस लिया तो करेंगे प्रदर्शन

किसानों ने कहा, "हमलोग उन प्रदर्शनकारियों के साथ नहीं हैं।" केंद्रीय मंत्री तोमर के साथ उन्होंने अपने अनुभव साझा कर के बताया कि उन्हें कैसे नए कानूनों से लाभ हो रहा है।

वामपंथी मीडिया ‘भोले किसानों’ को भड़काने के लिए कुछ भी करेगा- प्रियंका, दिलजीत जैसों की खूब तारीफ भी: कंगना

“समस्या यह है कि पूरा तंत्र ऐसा बना हुआ है जिसमें देश विरोधी ताकतों को फलने-फूलने का मौक़ा मिलता है। इस भ्रष्ट तंत्र के विरुद्ध हमारी संख्या बहुत कम है लेकिन मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूँ कि एक न एक दिन बदलाव आएगा।"

अप्रिय रवीश कुमार! एक ‘शांतिपूर्ण आंदोलन’ 53 लोगों की जान ले चुका है, अभी कितने बाकी हैं?

व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के कुलपति रवीश कुमार ने अपने नए प्राइम टाइम वीडियो में आरोप लगाया है कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को बदनाम किया जा रहा है।

मोदी सरकार को धमकी के बाद ‘किसान’ संगठनों ने दायर की SC में याचिका, नहीं मिली जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति

भारतीय किसान यूनियन की याचिका में माँग की गई है कि कृषि सुधार क़ानूनों से संबंधित पूर्व याचिकाओं पर सुनवाई हो। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि क़ानून कृषि क्षेत्र को निजीकरण की तरफ लेकर जाएँगे।

व्यंग्य: अरे भई! वो अन्नदाता है, वो भला बिल क्यों पढ़ेगा!

पहले सांसद कानून बनाते थे, तो अभी भी वही बनाएँगे, ये कहीं से भी उचित नहीं है। अच्छी बात तो यह होगी कि किसान अपने कानून स्वयं बनाए, आतंकी UAPA में संशोधन करे, डॉक्टर निजी प्रैक्टिस पर बिल बनाएँ।

किसानों ने ठुकराया MSP जारी रखने का प्रस्ताव, कहा- और तेज करेंगे आंदोलन, भाजपा नेताओं का करेंगे घेराव

सरकार ने किसानों को कृषि कानून में संशोधन का लिखित प्रस्ताव भेजा। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कृषि कानूनों की वापसी की माँग की है।

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