यह स्पॉन्सर और क्लीनिकल रिसर्चर की जिम्मेदारी है कि वे पारदर्शिता के साथ ट्रायल के प्रतिभागियों के स्वास्थ्य, अधिकारों और रेगुलेटरी एजेंसी के नियमों के तहत वित्तीय सहयोग को भी सुनिश्चित करें।
भारतीय मूल के कई अमेरिकी वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और और चिकित्सकों ने इस मुद्दे पर तरणजीत से वर्चुअल संवाद करके निष्कर्ष निकाला। तमाम संस्थाओं द्वारा साझा अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सहारे आयुर्वेद का प्रचार भी किया जाएगा।
अस्पताल प्रबंधन की तरफ से हुई इस लापरवाही के चलते हिंदू परिवार ने एक मुस्लिम महिला का अंतिम संस्कार कर दिया और मुस्लिम परिवार के व्यक्तियों ने एक हिंदू महिला को दफ़न कर दियाl
इस स्टडी की सत्यता को जानने के लिए WHO और दूसरी संस्थाओं से दुनियाभर के 100 से ज्यादा रिसर्चर ने जाँच करवाने की डिमांड की थी। जिसके बाद लैंसेट ने कहा, "नए डेवलपमेंट के बाद हम प्राइमरी डेटा सोर्स की गारंटी नहीं ले सकते, इसलिए स्टडी वापस ले रहे हैं।"