यह खबर ऐसे वक्त में सामने आई जब पिछले हफ्ते ही सीएए का समर्थन करते हुए चार नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। इनमें से तीन ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। इससे पहले पार्टी के दो तिहाई विधायक भाजपा के साथ चले गए थे।
"फ़रहान अख्तर CAA के बारे में कुछ नहीं जानते थे और सिर्फ़ लोगों को CAA के ख़िलाफ़ खड़े होने के लिए उकसा रहे थे, इस दौरान वो कई मीडिया चैनल्स और उनके कैमरों में कैप्चर हो गए थे। अधिक परेशान करने वाली बात यह है कि इस विरोध के लिए लोगों को आमंत्रित करते समय उन्होंने भारत के ग़लत नक़्शे वाले पोस्टर का इस्तेमाल किया।"
"दास्तान लाइव रॉक बैंड के समूह ने अपमानजनक (गालियाँ) शब्दों के साथ "ओम" का उच्चारण किया। इसके अलावा, उन्होंने जानबूझकर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत किया और सेरेंडिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल 2019 के मंच का दुरुपयोग किया।"
पीआईबी ने पर्रिकर पर बनी फ़िल्म का एक वीडियो शेयर किया है। फ़िल्म की शुरुआत में पर्रिकर की आवाज़ गूँजती है, जिसमें वह पद एवं गोपनीयता की शपथ ले रहे हैं। फिर बताया गया कि उन्होंने कैसे इंजीनियरिंग का करियर छोड़ सार्वजनिक जीवन में क़दम रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तक देश के सभी हिस्सों में सामान रूप से सिविल कोड लागू करने के लिए किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं किया गया है। शाहबानो मामले में अपने फैसले की याद दिलाते हुए कहा कि उसने इस सम्बन्ध में ध्यान भी दिलाया लेकिन तब भी प्रयास नहीं किए गए।
हज़ारों हिन्दुओं को ज़िंदा जला देने और शरीर छेद कर टाँग देने वाला पुर्तगालियों का Goa Inquisition शायद ईसाईयत के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। गोम्स साहब का इसके खिलाफ एक भी लफ्ज़ दर्ज नहीं है इतिहास में... और RSS को इनसे सीखने की जरुरत है!!!
"गोवा और कश्मीर के हालातों को देखते हुए मुझे लगता है कि यदि देश में भाजपा एकमात्र पार्टी बच गई तो इससे राष्ट्र का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा। इसका हल क्या है? इटैलियन और उनकी संतानों को हटने के लिए कहें, ताकि उसके बाद ममता संयुक्त कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष बनें।"
समय-समय पर कॉन्ग्रेस विभाजित होती रही है। लेकिन यहाँ सवाल यह है कि अब पार्टी के विधायक अलग होकर नई पार्टी क्यों नहीं बना रहे? वे भाजपा के साथ ही क्यों जा रहे हैं? अगर वो नया दल बना लें तो वे ज्यादा मोलभाव करने की स्थिति में होंगे।
गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकान्त कावेलकर के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस से अलग हुए विधायकों के गुट ने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर से मुलाकात की। विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे पत्र में इन विधायकों ने कॉन्ग्रेस से नाता तोड़ने की जानकारी दी।