UPA की सरकार के दौरान जनवरी 2007 में आरोपितों ने मध्य प्रदेश में कोल ब्लॉक का अधिकार पाने के लिए स्क्रीनिंग कमिटी के समक्ष गलत तथ्य दिए थे। गलत तरीके से लाभ पाने के कारण कोयला मंत्रालय को धोखे में रखा था, जिसके कारण कोल आवंटन मामले इन आरोपितों के नाम की सिफ़ारिश की गई है।
कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल के करीबी माने जाने वाले संदेसरा ब्रदर्स ने फर्जी कंपनियाँ बनाकर कई बैंकों को करीब ₹14,500 करोड़ का चूना लगाया। जबकि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने पीएनबी बैंक में ₹11,400 करोड़ का घोटाला किया था।
"जो नेता मेरे करीबी थे, वही नेता अब मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए खतरा बने हुए हैं। मैं भारत वापस आना चाहता हूँ, सारी जानकारी देना चाहता हूँ। भारत आकर मैं निवेशकों का पैसा लौटाना चाहता हूँ।"
मदरसे के नाम पर हुए लाखों के घोटाले के कारण जिला प्रशासन में हलचल मची हुई है। इस मामले में डीएम का कहना है कि रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी गई है। जाँच में जो भी विभागीय अधिकारी संलिप्त पाया जाएँगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
सीबीआई ने इस मामले में गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी धर्मेंद्र गुप्ता, दिल्ली के रोहिणी निवासी राकेश शर्मा, सुमन शर्मा, बेहट के निवासी मोहम्मद नसीम अहमद और मोहम्मद वाजिद का नाम दर्ज़ किया है।
दसॉ (राफेल की कंपनी) और मनमोहन सरकार में अचानक से कुछ मुद्दों पर मतभेद काफी बढ़ गया था। ED की नज़र राफेल डील में हुई देरी को लेकर मिशेल पर इसलिए भी टिक गई है क्योंकि उसने अचानक से यूरोफाइटर में अपनी दिलचस्पी बढ़ा ली थी।
ये पार्टियाँ एक तरफ संसद में जीएसटी, आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाले बिल पर पूरा समर्थन देती हैं, वहीं दूसरी ओर संसद के बाहर राष्ट्र हित के इन इन पैमानों की जमकर आलोचना करते हैं