21 विपक्षी दलों के नेताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर माँग की थी कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की मिलान किया जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता पर आँच न आए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विचार करने को कहा था।
दिल्ली बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं पर धार्मिक आधारों पर मतदाताओं के धुव्रीकरण का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मस्जिदों में विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करने की अपील की।
चुनाव आयोग में एक अजीबो-गरीब शिक़ायत आंध्र प्रदेश में चित्तूर ज़िले से की गई है जहाँ रामाकुप्पम मंडल में तेलगू देशम पार्टी (TDP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हर सरकारी दफ़्तर से जल्द से जल्द छत वाले पंखे हटवाए जाएँ।
अब उनकी खैर नहीं जो किसी खास दल को जिताने, धर्म या भाषा संबंधी भड़काऊ भाषण या किसी तरह की अफवाह फैलाने जैसी पोस्ट डालकर चुनाव और मतदाता को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
अब सोशल मीडिया पर असत्यापित विज्ञापन पोस्ट करने पर आयोग कार्रवाई करेगा। इसके अलावा चुनाव प्रचार के लिए सेना के जवानों के फोटोज भी इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। इतना ही नहीं, फेक न्यूज़ पर भी चुनाव आयोग की कड़ी नज़र रहेगी।
रमजान पर राजनीति हो रही है। चुनाव आयोग को घेरा जा रहा है। बीजेपी को फायदा दिलाने का आरोप आयोग पर लगाया जा चुका है। आम आदमी पार्टी से लेकर टीएमसी तक बिना वजह रमजान पर राजनीति कर रहे हैं। जो इस पर राजनीति कर रहे हैं उनका (कु)तर्क यह है कि...
इंग्लैंड और अमेरिका का उदाहरण देने वाले ये नेता उन देशों और भारत के बीच के जनसंख्या गैप को भी काफ़ी आसानी से नज़रअंदाज़ कर देते हैं। कभी अमेरिका में कोई नकाबपोश कथित ख़ुलासे करता है तो कभी ब्लूटूथ से ईवीएम 'हैक' होने लगता है।
भौगोलिक परिस्थितियाँ, जनसंख्या, सुरक्षा बलों के आवागमन, अशांत अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ व विभिन्न हिंसक संगठनों के कारण भारत में एक चरण में चुनाव संपन्न कराना संभव नहीं है। चुनावों के दौरान सुरक्षा बलों के जवान बस और ट्रेन से आवागमन करते हैं।