इस साल का आँकड़ा पिछले साल दिसंबर 2019 में एकत्र किए गए टैक्स से 12 फीसदी ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में यह लगातार तीसरा महीना है, जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार रहा है।
एक बार के लिए ऐसा लग सकता है कि कर की दर शून्य होने पर कीमतें कम होंगी, लेकिन यह सच नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीएसटी वास्तव में एक ऐसा VAT है, जहाँ उत्पादन के प्रत्येक चरण में जोड़े गए मूल्य पर कर लगाया जाता है।