फडणवीस के इस्तीफे को लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने निराशा जताई। उनकी पत्नी अमृता फडणवीस ने इन पंक्तियों के माध्यम से अपने दिल की बात रखी है, "पलट के आऊँगी शाखों पे खुशबुएँ लेकर, खिज़ाँ की ज़द में हूँ मौसम ज़रा बदलने दे!"
अजित पवार को उम्मीद थी कि भाजपा संग उनके गठबंधन को समर्थन देने के लिए कम से कम 30 विधायक ज़रूर साथ होंगे हालाँकि अंत तक उन्हें सिर्फ 12 विधायकों का ही समर्थन मिल सका। इस सियासी घटनाक्रम में धनंजय मुंडे द्वारा यू-टर्न ले लेने से पवार के फैसले पर काफी असर पड़ा।
फडणवीस ने कहा कि जनता ने गठबंधन को बहुमत दिया लेकिन शिवसेना ऐसी बात पर अड़ी रही, जिसकी कोई बात ही नहीं हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना ने भाजपा के बजाय एनसीपी से बात शुरू कर दी और...
NCP के जयंत पाटिल की मानें तो अजित पवार के इस्तीफे से संबंधित खबर का उन्हें पता नहीं है। इसके अलावा खुद अजित पवार के बेटे ने भी इस खबर को नकार दिया है। लेकिन स्थानीय मीडिया ने...
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सदन में बहुमत साबित करना होगा। उससे पहले सदन के सबसे वरिष्ठतम सदस्य को प्रोटेम स्पीकर चुना जाएगा। शाम 5 बजे तक पूरी प्रक्रिया संपन्न करा ली जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सदन में वोटिंग की विडियोग्राफी कराने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है वोटिंग ओपन बैलेट से होगा। सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य प्रोटेम स्पीकर होंगे।
कॉन्ग्रेस और शिवसेना के भीतर लड़ाई चल रही है। कॉन्ग्रेस का एक खेमा शुरुआत से ही शिवसेना के साथ जाने के हक में नहीं रहा है। पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने अजित पवार को बताया है कि पार्टी में 30-35 ऐसे विधायक हैं, जो उनकी अनुपस्थिति में असहज महसूस कर रहे हैं। ये आँकड़ा बढ़ भी सकता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अजित पवार ने 22 नवंबर को पत्र दिया था। पत्र में कहा गया था कि एनसीपी के सभी 54 विधायकों ने उन्हें नेता चुना है और सरकार बनाने के लिए अधिकृत किया है।
भाजपा ने अपने सबसे बड़े तुरुप के इक्के को आगे कर दिया है। बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। एक ऐसा नेता, जिसके दोस्त सभी पार्टियों में हैं। हाँ, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और कॉन्ग्रेस के अशोक चव्हाण से उनकी व्यक्तिगत खुन्नस है। वो निकल गए हैं, फडणवीस के लिए समर्थन जुटाने। उनके 4 उसूल हैं- साम. दाम, दंड और भेद।