Monday, November 18, 2024

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नीतीश कुमार

कभी शाम होते घरों में बंद कर दी जाती थीं बिहार की महिलाएँ, आज हैं चुनावी बहस का हिस्सा: लालू से नीतीश तक के...

एक 'जातउद्घोषक' सरकार में एक जाति विशेष की महिलाओं के चुन-चुन कर बलात्कार किए जाने की बात हो या बाहुबलियों की अतिशयोक्ति, बिहार की ललनाओं की परीक्षा सदियों तक चली।

जो बिहार में सब जानते हैं वह नीतीश कुमार ने खुद क्यों कहा, PM मोदी ने उन्हें ‘जरूरत’ क्यों बताया?

यह महज संयोग नहीं, प्रयोग है। इसका असर हुआ तो एनडीए उस स्थिति में पहुँच सकती है, जिसका अनुमान कोई नहीं लगा रहा।

बिहार के लिए मुझे नीतीश सरकार की जरूरत, डबल इंजन की ताकत विकास को नई ऊँचाई पर पहुँचाएगी: PM मोदी

आखरी चरण के कुछ क्षण पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहारवासियों के नाम पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने बिहार की जनता से एनडीए पर भरोसा करने और एनडीए की बिहार में सरकार बनाने की बात की है।

‘तेज रफ्तार’ पर राष्ट्रवाद भारी, बिहार की बाज़ी एनडीए ने पलटी

नीतीश कुमार से नाराजगी और मुंगेर की घटना से एनडीए ने पहले चरण में जो कुछ खोया उसकी भरपाई अगले दो चरणों में कैसे बदली रणनीति?

बिहार में 10 नवंबर को क्या होगा? उलझे समीकरणों के बीच जमीन के संकेत स्पष्ट हैं

इस चुनावी लड़ाई में BJP सबसे आगे दिख रही। RJD और JDU उसके पीछे। लेकिन, बिना नीतीश कुमार के कोई सरकार बनने की संभावना नहीं दिखती।

छपरा के ‘नाथ’ जिसे अपने ही चेले से मिली हार तो बदले में उसे बम से उड़ाया, RJD से बेटा लड़ रहा चुनाव

सियासत में कूदने से पहले ही प्रभुनाथ का आस्तीन दाग़दार हो चुका था। 1980 में मशरक के विधायक रामदेव सिंह की हत्या हुई थी और आरोप लगा था प्रभुनाथ सिंह पर।

बिहार का वो गाँव जहाँ कभी पूरे राज्य से आते थे कारोबारी, आज फेरी लगाने और पलायन को मजबूर

क्या बिहार से पलायन करने की मजबूरी को रोकने का इलाज बड़े कल-कारखाने ही हैं? क्या बड़ी इंडस्ट्रियों के बगैर राज्य में रोजगार का सृजन नहीं हो सकता?

बिहार में ई बा: कुछ लोगों के निजी स्वार्थ और धंधे पर चोट है मैथिली ठाकुर का गाना

दहेज़ के बारे में सोचा है? एक तो इसमें ‘ज’ के नीचे जो बिंदी होती है, वो देवनागरी लिपी में होती ही नहीं। यानी, ये देशज नहीं, विदेशज शब्द है। दहेज़ जैसा कोई सिद्धांत भारत में नहीं होता था।

‘एक्के केस में बाभन का रिहाई और यादव को सजा, मोदी उसको सड़ा दिया जेल में’ – ‘विकास’ के बाद भी जातीय गोलबंदी

लखीसराय जिले की दो विधानसभा सीटों के समीकरण, यादव बहुल पंचायतों का इस बार कैसा है चुनावी मिजाज। नीतीश का सूर्यगढ़ा से क्या है 'नाता'?

‘बंदर’ शहाबुद्दीन का था आतंक, लेकिन ‘मदारी’ था लालू… हाथ डालने वाले SP से लेकर DGP तक को हटा दिया जाता था

शहाबुद्दीन की अपराध की दास्‍तान तब शुरू हो गई थी, जब महज 19 साल की उम्र में उसके खिलाफ सिवान के एक थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था।

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