केंद्रीय मंत्री सिंधू ने विदेश से लौटे नागरिकों के बारे में केंद्र को सूचित करते हुए बताया कि कम से कम 90 हजार लोग वापस आए हैं। उनमें से कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका है। अगर ऐसा हुआ तो राज्य में संख्या एकाएक बहुत तेजी से बढ़ जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान की मंशा पर उन्हें अब भी शक है। करतारपुर कॉरिडोर और गुरु नानक के नाम पर यूनिवर्सिटी शुरू करने जैसे पाकिस्तान के फैसलों को लेकर भारत को पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है।
कॉन्ग्रेस नेता का मानना है कि अंडे की प्रकृति स्पष्ट करने से काफी दिक्कतें दूर हो जाएँगी। बाजवा के अनुसार, बहुत से ऐसे लोग हैं जो अंडा खाना चाहते हैं, लेकिन वह इसको मांसाहारी समझकर नहीं खाते।
कॉन्ग्रेस नेताओं को डर है सिद्धू के आने से भाजपा को बैठे-बिठाए राष्ट्रवाद का मुद्दा मिल जाएगा, क्योंकि इस ‘पिच’ पर सिद्धू का ‘फॉर्म’ हालिया समय में अच्छा नहीं रहा है। वे न केवल तालिबान-समर्थक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपनी क्रिकेट के दिनों की दोस्ती को खुल कर ‘फ्रंट-फुट’ पर खेलते हैं, बल्कि वे पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल बाजवा से गले भी मिल आए थे।
बठिंडा निवासी और सिविल लाइन क्लब के पूर्व प्रधान जगजीत सिंह धालीवाल एवं शिवदेव सिंह ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कॉन्ग्रेस द्वारा एक निजी क्लब में मालवा कॉन्ग्रेस भवन खोले जाने के खिलाफ स्थाई रोक लगाने की माँग की थी।
स्थानीय निकाय विभाग के नए मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा ने गायब फाइलों के लिए विभागीय जांच का आदेश दिया है, जिसमें लुधियाना में लक्जरी अपार्टमेंट परियोजना को मंजूरी दिए जाने की भी फाइल है। मुख्यमंत्री ने भी मुख्य सचिव और विभागीय सेक्रेट्री से फाइलों का पता लगाने को कहा है।
सवाल उठता है कि क्या सिद्धू को यह सब पता ही नहीं है, या फिर 'इस्तीफ़ा' एक 'स्टंट' है। अगर उन्हें यह पता ही नहीं था कि उनका इस्तीफा लेने का अधिकार राहुल गाँधी को नहीं, अमरिंदर सिंह को है तो यह मंत्री के तौर पर उनकी काबिलियत पर प्रश्नचिह्न है।
"सिद्धू का विभाग बदले जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। ऐसे में अब सिद्धू के लिए दो ही रास्ते बचे हैं- या तो वो नए विभाग का कार्यभार संभाल लें या फिर मंत्री पद छोड़ दें।"
जब स्मृति ईरानी ने दूसरी बार अमेठी के राजनीतिक अखाड़े में राहुल गाँधी को चुनौती दी थी तो कॉन्ग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उनकी खिल्ली उड़ाते हुए कहा था कि अगर वह (स्मृति) राहुल गाँधी को हरा ले गईं तो सिद्धू राजनीति छोड़ देंगे।