Saturday, June 29, 2024

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पत्रकारिता का समुदाय विशेष

लिल्लाह! फेक न्यूज़ मैंने शेयर की, लेकिन घृणा तो मुआ ऑपइंडिया फैला रहा है: सबा नक़वी

यह पहली बार नहीं है जब किसी सत्ता विरोधी और कॉन्ग्रेस-वादी, चाहे वो पत्रकार हो, लेखक हो, या फिर सोशल मीडिया पर दिन रात सरकार की नीतियों में 'मुस्लिम विरोधी नजरिया' तलाशने वाला कोई कॉन्सपिरेसी थ्योरी एक्टिविस्ट हो, ने अपनी गलती स्वीकार करने की जगह उल्टा अपने दुराग्रहों से दूसरों पर कीचड़ उछालने का काम किया हो।

हिन्दू मंगरू की लिंचिंग पत्रकारिता के समुदाय विशेष के लिए उतनी ‘सेक्सी’ नहीं है

यह चुप्पी केवल आज की नहीं है, केवल मंगरू के मामले में नहीं है। यह हर उस मामले में ओढ़ा गया सन्नाटा है, जब 'डरा हुआ शांतिप्रिय' कोई अपराध करता है, और भुक्तभोगी कोई हिन्दू होता है।

‘द वायर’ वालो, ‘मोदी-विरोधी’ होने से गबन और क़त्ल करने का लाइसेंस नहीं मिलता

अब ये कातिलों से लेकर गबन के आरोपियों का बचाव केवल इस आधार पर करना चाहते हैं कि फलाना मोदी के खिलाफ बोला था, ‘एंटी-RSS’ था, तो अगर इसे जेल भेजा गया तो सरकार के खिलाफ बोलने वालों में ‘डर का माहौल’ बन जाएगा।

टीम इंडिया की नई जर्सी से 2019 के ‘भगवाकरण’ और 2001 में गांगुली के गंडे-ताबीज़ का कनेक्शन जोड़ रहे हैं लिबरल

केवल कोहली और भगवा जर्सी पर नाराज़गी जताने से मन नहीं भरा तो लिबरल गिरोह ने 'समय-यात्रा' कर के मोदी के भगवाकरण प्लान में गांगुली का 2001 में टी-शर्ट लहराना शामिल कर लिया। उनके हिसाब से गांगुली के लॉर्ड्स में टी-शर्ट लहराते समय उनके शरीर पर मौजूद गंडे-ताबीज़ आदि धार्मिक और आस्था के प्रतीक-चिह्न 'शर्मनाक' और 'अंधविश्वासी' थे!

साथी पत्रकार का आरोप- कापड़ी ने अपनी फिल्म बेचने के लिए दुधमुँही बच्ची को गोद लेने का ‘नाटक’ किया

अभिषेक उपाध्याय ने यह भी जोड़ा कि बच्चे को गोद लेना एक शांत प्रक्रिया होती है, ताकि बड़े होकर बच्चे को अपने गोद लिए हुए होने को लेकर किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े। अतः अगर कापड़ी दम्पति का सच में बच्ची को गोद लेने का इरादा होता, तो वे इतना शोर-शराबा न करते।

‘मोदी ने विज्ञापन रोका’ वाली फ़र्ज़ी खबर ‘सूत्रों के हवाले से’ फैला रहा है पत्रकारिता का समुदाय विशेष

प्रोपेगेंडा-पर-प्रोपेगेंडा फैलाते रहना, बार-बार पकड़े जाते रहना, शर्मिंदा होना- अगर यही बिज़नेस मॉडल है तो बात दूसरी है, वरना वायर वालों को बाज आ जाना चाहिए।

असहिष्णुता? ‘हेट क्राइम’ की दर्जन भर घटनाएँ, जो फर्ज़ी साबित हुईं – लक्ष्य था हिंदुओं को बुरा दिखाना

यहाँ एक निश्चित पैटर्न उभर रहा है। ये उनमें से केवल दर्जन भर घटनाएँ हैं। 'हेट-ट्रैकर’ के माध्यम से नकली 'हेट क्राइम' के निर्माण के लिए मीडिया गिरोह और लिबरल पूरी तरह समर्पित हैं। ये डेटा और फैक्ट को तोड़-मरोड़कर, मुसलमानों को बारहमासी पीड़ित और हिंदुओं को निर्दयी हमलावर बताने की फिराक में रहते हैं।

‘डरा हुआ शांतिदूत’? 50 ऐसी घटनाओं की सूची, जो इस फेक नैरेटिव का पोल खोलती हैं

ऐसी घटनाएँ, जिनमें कट्टरपंथियों के अपराधी होने की ख़बर आई और पीड़ित दलित या हिन्दू थे। लेकिन, किसी ने आवाज़ नहीं उठाई। कोई नया नैरेटिव नहीं गढ़ा गया। पढ़िए ऐसी 50 घटनाओं का विवरण, जिसे मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा प्रमुखता से नहीं उठाया गया।

Scroll, AltNews और पत्रकारिता के ‘एलीटिस्ट’ समुदाय विशेष को ब्रिटिश हेराल्ड के अंसिफ अशरफ़ का जवाब

"हाँ, हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन झूठे या नकली नहीं। छल हमारी संस्कृति नहीं है। हम रोज़ चुनौतियाँ देते हैं।"- अंसिफ अशरफ़ (प्रबंध सम्पादक, ब्रिटिश हेराल्ड)

मोदी को ‘World’s Most Powerful Person’ बताने वाले ब्रिटिश हेराल्ड के पीछे पड़ा Scroll खुद हो गया नंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को British Herald द्वारा 'World’s Most Powerful Person' घोषित करने से जिनके (दिलों में आग) सुलगनी थी, वह सुलगी। और वे ज़हर उगले बिना रह नहीं पाए। पत्रकारिता के स्तर को गिराते हुए यह मीडिया गिरोह अब विकिपीडिया को 'भरोसेमंद सूत्र' मानने लगे हैं।

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