बृहस्पतिवार शाम को ममता बनर्जी नैहाटी में आयोजित होने वाले धरना प्रदर्शन में भाग लेने जा रही थी। रास्ते में रिलायंस जूट मिल के सामने कुछ लोगों ने ममता बनर्जी के काफिले के सामने जय श्री राम का नारा लगाया।
वो मामला (इसे आप धार्मिक कह लें या सांस्कृतिक) जिसने बंगाल की रगों में ममता के विरुद्ध सोच पनपने की जमीन तैयार की। वो मामला राजनीतिक नहीं था। वो मामला RSS या BJP के द्वारा तैयार नहीं किया गया था। बल्कि उस मामले को ममता ने खुद अपने हाथों से तैयार किया। छले गए बंगालियों ने...
ममता बनर्जी इस बात से नाराज हैं पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान मौत के घाट उतार दिए जाने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार वालों को आमंत्रित किया गया है। ममता का कहना है कि ये राजनीतिक हत्या नहीं है, बल्कि आपसी रंजिशों के मामले हैं।
भाजपा ने उन कार्यकर्ताओं को सम्मान देने का निर्णय लेते हुए उनके परिवारों को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। इन कार्यकर्ताओं के परिवारों को भाजपा पदाधिकारियों की देखरेख में ट्रेन से दिल्ली लाया जाएगा। ये पदाधिकारी दिल्ली में भी इन लोगों का ख्याल रखेंगे।
"जैसे सात चरणों में लोकसभा का निर्वाचन हुआ, वैसे ही (दूसरी पार्टियों के नेताओं का) भाजपा में शामिल होना भी सात चरणों में होगा। आज तो केवल पहला चरण था।"
सुभ्रांशु रॉय के अलावा नोआपारा से विधायक सुनील सिंह और बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्ता मुकुल रॉय के साथ दिल्ली पहुँच चुके हैं। इन तीनों नेताओं के आज शाम 4 बजे बीजेपी दफ्तर में पार्टी में शामिल होने की खबर है।
हैरान करने वाली बात ये है इन चुनावों में पश्चिम बंगाल में माकपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सलीम की भी जमानत जब्त हुई। सलीम 34 साल सत्ता में रहे हैं। सलीम को सिर्फ़ 14.25 वोट मिले हैं।