24 सितम्बर को ऑपइंडिया ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट की थी। जिसमें हमने बच्चों के पिता गुलशेर से बात करके जाना कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पहले उनसे कहा कि बच्चों का दाखिला होगा। लेकिन, एक महीने बाद उम्र ज्यादा बताकर एडमिशन देने से मना कर दिया गया।
अग्रिम पोस्ट तक जाने के लिए पारितोष के साथ अन्य तीन जवान नाव पर सवार हुए थे। लेकिन जैसे ही नाव नाले के मध्य पहुँची, तो तेज बहाव में नाले का संतुलन बिगड़ गया। सब इंस्पेक्टर पारितोष मंडल अपने दो साथियों को बचाते हुए...
मुनीर का कई घोटालों और विवादों से नाता रहा है। 2003 में मुशर्रफ ने उन्हें यूएन में स्थायी प्रतिनिधि बनाया था। उस वक्त वे अपनी 35 वर्षीय गर्लफ्रेंड पर हमला कर विवादों में आए थे। बाद में जरदारी ने मुनीर को इस पद से हटा दिया।
पाकिस्तान में असुरक्षा को लेकर लोगों का कहना है कि बिना हाई सिक्योरिटी के ये कोई आयोजन नहीं कर सकते हैं और दूसरे की जगह के लिए लड़ाई करने चले हैं। अगर ये आतंकवाद पर कोई कदम लेते तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।
इमरान खान के बयान से साफ झलक रहा है कि वो केवल अमेरिका से अपने भीख के कटोरे में धन प्राप्त करने के लिए ऐसा बोल रहे हैं। हर कोई पाकिस्तान, उसकी सैन्य नेतृत्व और इसकी कठपुतली सरकार की वास्तविकता को जानता है।
"जब तक दूसरी ओर शांति है वह एलओसी पार नहीं करेंगे, लेकिन अगर पाकिस्तान माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता है या फिर उन आतंकियों को नियंत्रित करता है, जो उसके लिए प्रॉक्सी का काम करते हैं तो ज्यादा समय तक लुका-छिपी का खेल नहीं चलेगा, सेना को अगर सीमा पार जाना पड़ा, चाहे हवाई मार्ग से हो या थल मार्ग से तो सेना जाएगी।"
इमरान खान की तीसरी पत्नी बुशरा की छवि एक तंत्र-मंत्र और जादू टोना करने वाली शख्सियत के रूप में है। दावा तो ये भी किया जाता है कि बुशरा ने दो जिन्न भी पाल रखे हैं और वह उन्हें पका हुआ गोश्त परोसती हैं। लेकिन आईने में नहीं दिखने वाली खबर...
प्रधानमंत्री बनने से करीब छह महीने पहले इमरान ने बुशरा से किया था निकाह। हर मौके पर पर्दे में दिखने वाली बुशरा की छवि एक तंत्र-मंत्र और जादू टोना करने वाली शख्सियत के रूप में है। कहा जाता है कि बुशरा तंत्र विद्याओं को बखूबी जानती हैं और उनके पास बहुत सी शक्तियाँ हैं।
वह 16 साल की उम्र से महिलाओं के मानवाधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं। सेना की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाती हैं। उनकी आवाज खामोश करने के लिए पाकिस्तानी हुक्मरानों ने कई साजिशें रची। मुश्किलों से लड़ गुलालाई बनीं अल्पसंख्यकों के लिए उम्मीद की नई किरण।