जितेंद्र ने पीएम मोदी द्वारा रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट्स के लिए लाइट्स ऑफ करके दिये, मोमबत्ती जलाने के आव्हान का विरोध किया था। आव्हाड ने लोगों से कहा था कि वो पीएम मोदी का बायकाट करें। इंजीनियर ने जितेंद्र के इस बात का विरोध किया, जिसकी उसे 'सज़ा' दी गई।
सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया महाराष्ट्र सरकार और पुलिस से अलग रही। लोगों का कहना है कि किसी को आतंकी कह देने भर से पुलिस उसे हिरासत में कैसे ले सकती है। और अगर ऐसा किया गया है तो क्या महाराष्ट्र की पुलिस उन सब को हिरासत में लेगी, जो आए दिन प्रधानमंत्री को आतंकवादी और हत्यारा कहती फिरती है।
40 डॉक्टरों के अलावा अस्पताल के 30 अन्य कर्मचारी भी है जिन्हें इस मरीज के कारण क्वारंटाइन किया गया। इनमें नर्स, अभिभावक और सफाईकर्मचारी शामिल हैं। इनके सैंपल भी टेस्ट के लिए भेजे गए हैं।
इस तरह के लोगों का इलाज करने की जरूरत ही क्या है? इन्हें बुरी तरह पीटते हुए विडियो बना कर उसे वायरल कर देना चाहिए। जिससे लोगों में सरकार के प्रति कुछ भरोसा पैदा हो।"
राज्य सरकार ने प्रारंभ में 6 फरवरी को इस जलसे के लिए अपनी अनुमति दे दी थी। बाद में इस निर्णय को बदल दिया गया, क्योंकि संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सतर्कता बरतने की जरूरत समझी गई। जमात के एक सदस्य ने बताया कि उनकी योजना महाराष्ट्र के पुणे, रत्नागिरी और रायगढ़ में ऐसे ही जलसों को आयोजित करने की थी।
56 वर्षीय एक व्यक्ति ने पिंपड़ी में ‘ग्रामसेवक’ को सूचना दी कि यहॉं के सात लोग दिल्ली गए थे। वहॉं निजामुद्दीन में जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए और हाल में गॉंव लौटे हैं। उसने इनका कोरोना वायरस टेस्ट कराने पर भी जोर दिया। इससे नाराज जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने उसकी पिटाई कर दी।
पटना, राँची और दिल्ली के बाद महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक मस्जिद से 10 विदेशियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस ने मस्जिद के ट्रस्टी जुम्माखान नवाबखान पठान और सलीम बाबूलाल पठान को कोरोना फैलाने के आरोप में और आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में कई धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
लाश को प्लास्टिक में पैक करके फिर दफनाना उनको डिकम्पोज होने में देरी पैदा करता है और इसीलिए बीमारियों के फैलने का ख़तरा बना रहता है। साथ ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में 5 से ज्यादा लोगों के जुटने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। श्मशान का कर्मचारी मास्क और ग्लव्स इत्यादि का इस्तेमाल कर के पूरी सावधानी के साथ लाश का अंतिम संस्कार करेगा।
महाराष्ट्र के अमरावती से कोरोना पॉजिटिव एक शख्स यूपी के मेरठ अपने ससुराल आता है। यहॉं वह एक शादी समारोह में शिरकत करता है। मस्जिद में नमाज अदा करता है। अस्पताल में भर्ती होता है। अब उसकी पत्नी और तीन सालों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है।