"इन हमलों की वजह से देश की छवि पूरी दुनिया में खराब हो रही है। इन गुंडों को आंतकवादी कहना चाहिए, क्योंकि वे भी मुँह छिपाकर ही आते हैं। इस पर तय समय के अंदर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना विदेश के छात्र यहाँ पढ़ने नहीं आएँगे।"
दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख को चिकित्सा एवं संस्कृति मंत्रालय दिया गया। बाकी कॉन्ग्रेस नेताओं को आदिवासी विकास, स्कूली शिक्षण, जनजातीय विकास, मत्स्य, ओबीसी कल्याण और डेयरी विकास देकर निपटा दिया गया।
कैबिनेट विस्तार के बाद महाविकास अघाड़ी में बगावत तेज। जालना के विधायक ने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ने का किया ऐलान। कॉन्ग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ कर चुके हैं विधायक संग्राम थोपटे के समर्थक।
एनसीपी और शिवसेना अपने कोटे से एक भी मंत्री पद कॉन्ग्रेस से अदला-बदली करने के लिए तैयार नहीं है। एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेताओं के बीच जारी घमासान के चलते दोनों दलों के नेता बैठक बीच में ही छोड़कर वहाँ से चलते बने। दोनों पार्टियों के आपसी विवाद के कारण मंत्रियों के विभागों का बँटवारा एक टेढ़ी खीर बनी हुई है।
"मैं यहाँ मुख्यमंत्री से मिलने आया। मैंने उनसे मिलने हेतु अपॉइंटमेंट के लिए कई गुजारिश की। लेकिन मैं उनसे नहीं मिल सका। सावरकर जी की इज्जत का मामला होने के बाद भी उनके (मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे) पास मुझसे बात करने के लिए एक मिनट का समय नहीं हैं।"
सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर जमात-ए-इस्लामी हिंद मुंबई, मराठी पत्रकार संघ और एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के संयुक्त कार्यक्रम मुंबई वीटी स्टेशन के नजदीक पत्रकार भवन में शनिवार शाम को रखा गया है।
इससे पहले एक महीने में जान देने वाले किसानों का आँकड़ा 300 के पार 2015 में पहुॅंचा था। राजस्व विभाग के आँकड़े बताते हैं कि बारिश में किसानों की 70% खरीफ़ की फसल नष्ट हो गई। अक्टूबर से नवंबर के बीच आत्महत्या में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
असलम शेख ने जुलाई 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर मेमन की फॉंसी को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। मेमन 1993 बम ब्लास्ट का दोषी था। दिलचस्प यह है कि उस वक्त जिनलोगों ने मेमन का समर्थन किया था उसे शिवसेना ने देशद्रोही बताया था।
उद्धव के बेटे आदित्य, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और अमित देशमुख नए मंत्रियों में प्रमुख नाम हैं। पुणे पुलिस ने बताया कि थोपते के नाराज़ समर्थकों ने कॉन्ग्रेस कार्यालय पर हमला बोल दिया और वहाँ मौजूद कुर्सियों व गद्दों को फेंक डाला।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बुजुर्ग को चारों ओर से घेर रखा था और उसे खरी-खोटी सुना रहे थे। इस दौरान वहाँ उपस्थित कई लोग तमाशबीन बन कर देखते रहे। अंत में महिला ने स्याही भरी बोतल निकाली और बजुर्ग के सिर और गले पर उड़ेल दिया।