फालतू डिस्क्लेमर डाल कर पौराणिक पात्रों का मजाक बनाने वाला 'न्यूजलॉन्ड्री' क्या इस्लाम, जन्नत, 72 हूरों और दारू की नदी पर व्यंग्य करेगा? यहाँ तो तथ्य कहने पर 'सर तन से जुदा' हो जाता है, सोचिए व्यंग्य पर क्या होगा।
जब इमरान खान और पाकिस्तान सरकार डर से काँप रही थी, भारत का मीडिया गिरोह दुश्मन मुल्क के महिमामंडन में लगा था। नए खुलासे के बाद क्या कहेगा राजदीप-बरखा गिरोह?
वामपंथी प्रोपगैंडा पोर्टल द वायर पर छपे लेख में प्रोफ़ेसर पार्थो सारथी रे का दावा है कि श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बना पूजा पंडाल सही नहीं है। जिसके बाद वायर के आर्थिक बहिष्कार की अपील हो रही है।