कंपनी की एक पूर्व कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर आपबीती लिखी है। उन्होंने बताया कि वो लंबे समय से यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं, लेकिन इस पर एक्शन नहीं लिया गया ।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि दुपट्टा खींचना, हाथ खींचना और पीड़िता को शादी के लिए प्रपोज करना POCSO अधिनियम के तहत 'यौन हमला' या 'यौन उत्पीड़न' की परिभाषा में नहीं आता है।
पीड़िता बताती है कि जब वो फ्लैट में आने से मना करती थी तो उसे लगातार जिंदा जलाकर मारने की धमकियाँ दी जाती थीं। आरोप सिद्ध करने के लिए उसने 2018 के संदेश दिखाए हैं।