रवीश कुमार ने कथित किसान आन्दोलन के बीच एक बार फिर अम्बानी-अडानी का जिक्र लाकर बहस को नई दिशा दी है। उनके दावे व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के दावों से भिन्न नहीं हैं।
बात यह है कि हर मामले में खास मजहब का लड़का ही क्यों होता है? ईसाई या सिक्ख लड़के आखिर किसी हिन्दू लड़की को अपना नाम हिन्दू वाला बता कर प्रेम करते क्यों नहीं पाए जाते?
गोबिंदगंज सीट से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी और पत्रकार रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडेय अभी पीछे चल रहे हैं। वे इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन हार गए थे।