विधायक रामकेश मीणा ने विधानसभा में संघ की शाखाओं में जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के बारे में जानकारी मॉंगी थी। ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई को लेकर भी उन्होंने पूछा था। इसके बाद ही यह कवायद शुरू हुई है।
संघ प्रमुख ने कहा कि महिला के प्रति पुरुषों को शुद्ध दृष्टि रखनी होगी, जो अपराध करने वाले हैं इनकी भी तो माताएँ-बहने होंगी, तभी तो इनका भी अस्तित्व है।
“यहूदी मारे-मारे फिरते थे अकेला भारत है, जहाँ उनको आश्रय मिला। परसियन (पारसी) की पूजा और मूल धर्म केवल भारत में सुरक्षित हैं। विश्व के सर्वाधिक सुखी मुस्लिम भारत में मिलेंगे। ये क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं।”
कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक ने शस्त्र-पूजन भी किया। एचसीएल के संस्थापक और अरबपति कारोबारी शिव नादर इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मोहन भागवत ने 'मॉब लिंचिंग' गिरोह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछेक सामाजिक अपराध की घटनाओं को 'मॉब लिंचिंग' के रूप में ब्रांड किया गया।
"मैं असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई 'दशद्रोही' अकबरुद्दीन ओवैसी को कहना चाहूँगा कि तुम लोगों को भी RSS की शाखा में सम्मिलित होने की ज़रूरत है। तुम शाखा में सम्मिलित होकर ही समझ पाओगे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किस तरह देश के लिए काम करता है।"
"महात्मा गाँधी सिर्फ़ स्वतंत्रता की ही लड़ाई नहीं लड़ रहे थे बल्कि भारतीय सभ्यता के मूल तत्व को आधार बनाकर पश्चिमी सभ्यता की राक्षसी प्रकृति जिसमें दमन, अमानवीयता, संसाधनों की लूट, विस्तारवाद, ताक़तवर होने का अहम, व्यक्तिवाद और ‘हम और तुम’ की खाई अंतर्निहित है, को भी चुनौती दे रहे थे।"
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ ने हिन्दू नहीं बनाए बल्कि यह तो हज़ारों वर्षों से चला आ रहा है। उन्होंने बताया कि संघ ने बाहर से आए लोगों को भी अपनाया है। उन्होंने कहा कि देश, काल या परिस्थिति के अनुरूप अब तक संघ में बदलाव होता आया है और यह प्रगतिशील संगठन है।
अमित शाह ने आँकड़े गिनाते हुए कहा कि आज़ादी के बाद से भारत सरकार द्वारा अब तक जम्मू कश्मीर को 2,77,000 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर यह रुपया कहाँ गया, कौन खा गया? अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में पर्यटन की संभावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक विकसित राज्य बनेगा।
"चूँकि इतिहास लिखने-लिखवाने की ज़िम्मेदारी उन्हीं लोगों के पास थी, जिन्होंने एक के बाद एक कई गलतियाँ की थीं, परिणामस्वरूप सही तथ्य लोगों तक नहीं पहुँच पाए और सच्चाई छिप गई। अब सही इतिहास लिख कर लोगों के सामने पेश करने का समय आ गया है। अब ग़लत इतिहास में सुधार करने का वक़्त आ चुका है।"
हिंदुओं का धर्मांतरण रोकने का अभियान हो या अयोध्या आंदोलन, असली रणनीतिकार मोरोपंत पिंगले ही थे। उनकी बनाई योजना के कारण ही देशभर में करीब तीन लाख रामशिलाएँ पूजी गईं। 25 हजार शिला यात्राएँ अयोध्या के लिए निकलीं। 40 देशों से पूजित शिलाएँ अयोध्या आईं।