प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा है कि 5 साल तक मोदी का विरोध करने वाले थरूर बताएँ कि अचानक से उनके सुर क्यों बदल गए हैं। वहीं केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा है कि मोदी का गुणगान करने की जरूरत नहीं है।
पिछले दिनों जयराम रमेश ने कहा था कि पीएम मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है। उनके काम को स्वीकार नहीं करना और हर समय खलनायक की तरह पेश कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है। सिंघवी और थरूर ने उनके बयान का समर्थन किया था।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि शशि थरूर द्वारा तरार को लिखे पत्र में मेहर के नाम की जगह 'मेरी प्रियतम' कहकर संबोधित किया गया था। ये सब कुछ सुनंदा के लिए किसी प्रताड़ना से कम नहीं था।
"2019 में दोबारा सरकार में आने पर भाजपा एक नया संविधान लिख सकती है, जिससे राष्ट्र पाकिस्तान बनने के मार्ग पर बढ़ जाएगा। फिर, राष्ट्र में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सामने करने वाला कोई नहीं होगा।"
सड़कछाप पंक्तियों को ग़ालिब का बताते हुए श्री थरूर जी ब्रो ने यह जानकारी भी दी कि मिर्ज़ा ग़ालिब उनके 'ऑल टाइम फेवरेट' हैं। कल वो ग़ालिब के नाम से ये न ट्वीट कर दें कि 'गुल गया, गुलबदन गया, गई होंठों की लाली,/ अब तो पीछा छोड़ दे मैं हो गई बच्चों वाली', इस कारण लोगों में डर का माहौल है।
तिरंगे को उल्टा रखने के साथ ही ट्विटर यूज़र्स ने सजा भोग रहे संजीव भट्ट की पत्नी और बच्चे से मुलाकात पर भी आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि संजीव भट्ट के लिए 'Detention' शब्द इस्तेमाल करना जरूरी नहीं है, क्योंकि वे एक अपराधी हैं और उन्हें इसके लिए सजा मिली है।
अप्रैल 2017 में भी कहा गया था कि कुलभूषण जाधव को फाँसी की सज़ा दिए जाने के विरोध में भारत द्वारा तैयार प्रस्ताव में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने थरूर की मदद ली थी। सुषमा ने इसे मीडिया में प्लांट की गई ख़बर बताया था।