मॉं-बाप अच्छे हों तो जरूरी नहीं कि संतान भी सद्गुणी हो। वरना भूमि पुत्र भौमासुर अत्याचारी कैसे होता। बेटा ही जब स्त्रियों का सम्मान नहीं करे, तो क्या करना चाहिए? हिंदू धर्म ग्रंथ बताते हैं इसका भी रास्ता।
शशि थरूर की नई किताब, 'द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग: ऑन नेशनलिज्म, पैट्रियटिज्म, एंड व्हाट इट मीन्स टू बी इंडियन' की लॉन्चिंग के दौरान साई दीपक ने मोपला नरसंहार को लेकर उन्हें करारा जवाब दिया।
'डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व' सम्मेलन के आयोजकों का हिंदूफोबिया स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जबकि वे दावा करते हैं कि वे एक 'राजनीतिक विचारधारा' के खिलाफ हैं, न कि एक धर्म के।