गिरफ्तार किए गए मोहम्मद उमर, सैयद अब्दुल, फैज़ान, वासिफ और सरवर पर बाबूपुरवा और यतीमखाना में हिंसा भड़काने का आरोप है। मेरठ में हिंसा से ठीक पहले 4 खातों में 3 करोड़ रुपए डाले गए थे।
फिरोज बख्त ने सीएए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, "मोदी और उनके साथियों सलाम कि उन्होंने ऐसे लोगों (पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों) को नागरिकता देने का निर्णय लिया है।"
मुर्शिदाबाद में CAA के विरोध में बुलाई गई बंद के दौरान हिंसा भड़की। टीएमसी, माकपा और कॉन्ग्रेस एक-दूसरे को इसके लिए कसूरवार ठहरा रहे हैं। कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
जोगेंद्रनाथ मंडल के साथ जो कुछ हुआ वह बताता है कि 'जय भीम-जय मीम' दलितों के छले जाने का ही नारा है। मजहबी उन्मादी उनकी आड़ लेते हैं। कॉन्ग्रेसी और वामपंथी उनकी लाशों पर चढ़ 'मीम' का तुष्टिकरण करते हैं। #CAA के नाम पर जो हो रहा है वह इससे अलग नहीं।
प्रदीप भंडारी रिपब्लिक टीवी के शो ‘ललकार’ को होस्ट कर रहे थे। इस दौरान जैसे ही उन्होंने इमाम को देशद्रोही और देश के लिए खतरा बताया, एक पैनलिस्ट पहले तो जोर-जोर से चिल्लाने लगा और फिर उनके साथ बदसलूकी भी की।
उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले, यह अफ़वाह थी कि रोहिणी सिंह को समाजवादी पार्टी द्वारा 2BHK अपार्टमेंट प्राप्त हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि दीपक चौरसिया ने जो बात कही, उसमें रोहिणी सिंह को 2BHK नहीं बल्कि 3BHK अपार्टमेंट मिलने का आरोप लगाया। यह दावा कितना सच है, इसे सिर्फ चौरसिया ही...
वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह ने पत्रकार दीपक चौरसिया को लगभग लताड़ लगाते हुए कहा कि शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाएँ विरोध-प्रदर्शन कर रही थीं और आप (दीपक चौरसिया) वहाँ अपनी आवाज़ बुलंद करने गए थे!
गोदी मीडिया, सरकार मीडिया को धमका रही है, देश में आपातकाल आ गया है, लोग लिखने से डर रहे हैं... इन सारे जुमलों के बीच पत्रकारों पर हुए हमलों की ताजा लिस्ट देखिए। समझिए कि ये हमले कौन और कहाँ कर रहा है। कौन मीडिया को लिखने से रोक रहा है, कौन उन्हें धमका रहा है।
पूरे शहर में धारा-144 और कर्फ़्यू लगने के बाद भी कई जगहों पर हिंसक झड़पें हुई। बरवा टोली स्थित एक खड़े ट्रक में रात 9:30 बजे उपद्रवियों ने आग लगा दी। पुलिस जब तक वहाँ पहुँची, तब तक ट्रक धू-धू कर जल चुका था। इस घटना के बाद उस इलाके के लोग दहशत में हैं।