दिल्ली में 2013 और फिर 2015 में मतदान का नया रिकॉर्ड बना। दोनों ही बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। सबसे कम वोटिंग 1998 में हुई थी, जब दिल्ली की सत्ता बीजेपी के हाथ से निकल कर कॉन्ग्रेस के पास चली गई थी।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा है कि अब स्वयं भगवान श्रीराम भी भाजपा को नहीं जीता सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि पहले मंदिरों में दलितों को प्रवेश नहीं दिया जाता था, भाजपा अभी भी उसी युग में जी रही है। उन्होंने पूछा कि केजरीवाल को अछूत भावना से क्यों देखती है भाजपा?
अलका लम्बा ने न सिर्फ़ केजरीवाल की पार्टी के एक कार्यकर्ता को खदेड़ा बल्कि खींच कर एक चाँटा भी मारा। हालाँकि, वो चाँटा उसे लगा नहीं। अलका लाम्बा कुछ महीनों पहले तक आम आदमी पार्टी में थी लेकिन फिर वो अपनी पुरानी पार्टी कॉन्ग्रेस में चली गईं।
जहाँ पहले केजरीवाल की पार्टी तय कर रही थी कि मुद्दा क्या होगा, बाद में वो हनुमान चालीसा पढ़ कर और मंदिर-मंदिर घूम कर ख़ुद भाजपा की पिच पर खेलने लगे। उनका दावा है कि सब 'पवित्र शक्तियाँ' उनकी ही पार्टी के साथ है। अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयानों का भाजपा को फ़ायदा हुआ।
चुनाव आयोग ने केजरीवाल को विवादित वीडियो ट्वीट करने के लिए नोटिस भेजी। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को इस नोटिस का जवाब 8 फरवरी शाम 5 बजे तक देने का निर्देश दिया है।
दिल्ली शिक्षा के आँकड़ों को देखेंगे तो पता चलता है कि 1032 में से सिर्फ 54 स्कूलों पर ही काम किया गया, बच्चों को जबरन फेल किया गया ताकि बोर्ड में सिर्फ बेहतर बच्चे ही बैठें! यहाँ तक कि मात्र गिने हुए 8 स्कूलों की ही तस्वीरें बार-बार सोशल मीडिया पर शेयर की गईं।
माधव से पूछताछ की जा रही है कि वो किसके कहने पर रुपए लेता था और उस रकम को कैसे और कहाँ आगे बढ़ाया जा रहा था। सीबीआई ने माधव के अनेक ठिकानों पर छापेमारी की है और अब तक वहाँ से नगदी समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
2015 में करीब 67% मतदान हुआ था। इस बार भी ऐसा हुआ तो एक करोड़ के करीब वोट पड़ेंगे। दिल्ली में इस वक्त भाजपा के सदस्यों की संख्या 62 लाख के करीब है। इन सभी ने बीजेपी के लिए वोट डाले तो 11 फरवरी को करिश्मा तय है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कुछ दिन पहले ये बात सार्वजनिक की थी कि उनके पास मोहल्ला क्लिनिक को लेकर शिकायतें आ रही हैं। जिनमें दावा किया जा रहा है कि मोहल्ला क्लिनिक में काम करने वाले डॉक्टर केवल 4 घंटों में 533 मरीजों को देखते हैं। यानी गणित के मुताबिक जोड़ा जाए तो एक मरीज को केवल 36 सेकेंड दिए जाते हैं।