दरअसल जरंज, अफगानिस्तान और ईरान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है और देलाराम (Delaram) से जरंज तक सड़क निर्माण भारत द्वारा ही कराया गया था जिसके माध्यम से भारत की योजना अफगानिस्तान के गारलैंड हाइवे होते हुए हेरात, कांधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ तक पहुँचने की थी।
अब कुंदुज एयरपोर्ट भी अफगानिस्तान के हाथ से निकल गया है। यही नहीं भारतीय वायु सेना द्वारा अफगान सेना को गिफ्ट किया गया Mi-35 हिंद अटैक हेलिकॉप्टर को भी तालिबानी आतंकियों ने अपने कब्जे में ले लिया है।
तालिबान की क्रूरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अफगानिस्तान में सड़कों पर लाशों के ढ़ेर लगे हुए हैं। इसके अलावा लड़कियों का अपहरण किया जा रहा है ताकि तालिबानी लड़ाकों से उनका निकाह कराया जा सके।
मजार-ए-शरीफ शहर में स्थित कॉन्सुलेट में कुछ अधिकारी और अन्य भारतीय अभी मौजूद हैं। अब इन सभी को वहाँ से सुरक्षित निकालने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना को दी गई है।
आज विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने वाले जयवीर शेरगिल अपनी पार्टी के अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिख कर कभी ये नहीं कह पाएँ कि वो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करें।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी अब्दुल्ला अतेफी की हत्या की निंदा की और कहा कि अफगानिस्तान की बुद्धिमत्ता खतरे में है और तालिबान इसे ख़त्म करके अफगानिस्तान को बंजर बनाना चाहता है।