'बाला सेक्टर' उसी 1990 के भयानक रक्तपात से शुरू होती है। जेहादियों के दल ने अपने ही रक्षक को कैसे मौत के घाट उतारा.. ये सब आपको पहले ही खण्ड में मिल जाएगा।
तत्कालीन अस्त्र नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के अंडर सेक्रेटरी एंड्रिया थॉम्पसन ने अगस्त में पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर ख़ान को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में F-16 फाइटर जेट्स के इस्तेमाल पर उन्हें फ़टकार लगाई गई थी।
परेड का एक हिस्सा था वायुसेना का battle formation, इसमें शामिल थे तीन मिराज-2000, और उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में लिए हुए दो Sukhoi-30MKI और इन्हीं Sukhoi-30MKI में से एक का नाम है Avenger-1, जिसके लिए पाकिस्तानी वायु सेना ने दावा किया था कि उसने इस विमान को 27 फरवरी की झड़प में मार गिराया था।
एयर चीफ़ मार्शल भदौरिया ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाइयों को बड़ी उपलब्धि बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में पाकिस्तान की तरफ से कोई भी आतंकी गतिविधि को अंजाम दिया गया तो सरकार की योजना के अनुसार उसका उचित जवाब दिया जाएगा।
पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था। हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ सामने आने के बाद भारतीय वायुसेना ने इस आतंकी संगठन के सबसे बड़े कैम्प को निशाना बनाया और सैंकड़ों आतंकी मार गिराए थे।
डूरंड रेखा के पार पाक आतंकियों ने अफ़गान तालिबान और अफ़गान विद्रोही संगठन हक्कानी नेटवर्क के साथ हाथ मिला लिया। डूरंड रेखा अफ़गानिस्तान से पाकिस्तान को अलग करती है। यहाँ इनके चरमपंथी काडर को विध्वंसक गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती है।
हमले की सफलता का कोई वीडियो न होने के बावजूद पायलटों के मन में सफलता को लेकर कोई संदेह नहीं है। “मुझे स्पाइस बमों के निशाने पर गिरने में कोई संदेह नहीं है।”
अब ये पाक के ऊपर है कि उसके साथ कैसा व्यवहार हो, अगर वाकई वह चाहता है कि भारत आतंक रोधी अभियान के तहत उसे कठोर कदमों का सामना न करना पड़े तो, कस्मों-वादों के चक्कर में न पड़के आतंक की कमर तोड़ने में लग जाए। नहीं तो क्या पता अगली बार भारतीय जवान जिस गति और मजबूती से कश्मीर सहित देश के हर उस हिस्से से जहाँ से आतंक की बू आ रही है, साफ कर रहे हैं, बेमुरव्वत आतंकियों को ठिकाने लगा रहे हैं। कल को पाक की सिर्फ कमर तोड़ने के लिए छोटे-मोटे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं बल्कि जड़ से आतंक के नासूर को उखाड़ फेंकने के लिए कोई और तरीका ही ईजाद कर लें!
ओवैसी ने वायु सेना के इस घोषणा पर कहा कि मोदी से पूछ लेते क्योंकि उनको तो रडार की बहुत जानकारी है, और वो तो दुश्मनों के इलाके तक में जहाज़ भेज कर एयर स्ट्राइक करते हैं। वायु सेना को तो मोदी को फोन कर लेना चाहिए था, उनके पाँच लाख बच जाते।