थाना गंज, थाना शाबाद, थाना स्वार के कई मामलों में विशेष अदालत ने आजम खान को 27 सितंबर और 3 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है। इसके अलावा जौहर यूनिवर्सिटी मामले में पुलिस ने उनको 30 सितंबर को बुलाया है।
सांसद बनने के बाद से ही भूमाफिया आजम खान पर करीब 84 से अधिक FIR दर्ज हैं। इसमें जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों घोटालों से संबंधित 30 मुकदमें भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक घर पर किसी द्वारा नोटिस रिसीव न किए जाने की स्थिति में नोटिस चस्पा किए गए हैं।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह से शिकायत करते हुए कहा था कि फॉंसी घर की जमीन सांसद आजम खान के रिश्तेददारों और करीबियों के कब्जे में है। जॉंच में जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर कर उसे बेचे जाने की बात सामने आई है।
पीड़ित के मुताबिक उसके क्वालिटी बार पर सन 2013 में यह लोग लूटपाट और तोड़फोड़ किए थे। उनके मुताबिक जो उनकी जगह थी उसको पूर्व मंत्री आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के नाम आवंटित कर दिया गया था।
फिरोज खान ने शेरवानी पहनी, चेहरा फूलों के सेहरे से ढका और दूल्हे का रूप बनाकर गाड़ी में बैठ गए। उनके साथ गाड़ियों में बराती बन कर अन्य कार्यकर्ता भी बैठ गए और पुलिस को धोखा देकर रामपुर पहुँच गए।
रामपुर से सपा सांसद 'भू-माफिया' आजम खान के खिलाफ सरकारी और किसानों की जमीन पर कब्जा करने के साथ ही बिजली चोरी, अतिक्रमण, भैंस चोरी तथा अभ्रद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लगभग 80 मामले दर्ज हैं।
रामपुर के डीएम ने बताया कि अखिलेश यादव की तरफ से धरने की अनुमति नहीं माँगी गई थी। फिलहाल यहाँ पर धारा 144 लागू है। 50 से अधिक लोग गाँधी समाधि के पास इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। यह नियम सभी पर लागू होता है, अखिलेश यादव पर भी।
कॉन्ग्रेस नेता ने कहा है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सपा, आजम खान के बहाने पूरे प्रदेश में दंगा कराना चाहती है। ऐसे में अगर अखिलेश यादव रामपुर आते हैं तो वह पीड़ित परिवारों के साथ उनका विरोध करेंगे।
रिसॉर्ट में एक केबल डाला गया था। इनका जितना लोड है, उस हिसाब से कनेक्टिविटी नहीं है। मामले में बिजली विभाग के एसडीओ आए थे, उन्होंने बिजली की चोरी की वारदात पकड़ी है। और मामले में एफआईआर दर्ज करने को कह दिया गया है।
2016 में सपा सांसद आज़म खान ने 'कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना' के अंतर्गत सपा कार्यालय से मकानों के आवंटन पत्र बाँटे थे। जबकि, सरकारी ऑफिस में इन मकानों के आवंटन का कोई रिकॉर्ड नहीं है।