Friday, November 22, 2024

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Ambedkar

‘हिंदुओं को नापसंद करने के चलते मुसलमानों के पाले में खड़े होना बड़ी भूल होगी’ – कह गए थे आंबेडकर, पढ़िए

“इस्लाम में राष्ट्रवाद का कोई चिंतन नहीं है। इस्लाम में राष्ट्रवाद की अवधारणा ही नहीं है। वह राष्ट्रवाद को तोड़ने वाला मजहब है।” - आंबेडकर...

‘हमें बंदूक-पिस्तौल खरीदना है, 50% सब्सिडी दे सरकार’ – 20 लाख बहुजनों के लिए चंद्रशेखर की ‘नौटंकी’

“सरकार नागरिकों की संरक्षा, सुरक्षा के लिए पूरी तत्पर और प्रभावी रूप से प्रतिबद्ध है। इस प्रकार के बयान और माँगों का उद्देश्य केवल नौटंकी है।”

पूना पैक्ट: समझौते के बावजूद अंबेडकर ने गाँधी जी के लिए कहा था- मैं उन्हें महात्मा कहने से इंकार करता हूँ

अंबेडकर ने गाँधी जी से कहा, “मैं अपने समुदाय के लिए राजनीतिक शक्ति चाहता हूँ। हमारे जीवित रहने के लिए यह बेहद आवश्यक है।"

बाबासाहब आंबेडकर के घर ‘राजगृह’ में जम कर तोड़फोड़: CCTV तोड़ कर भाग निकले 2 अज्ञात

2 लोग बाबासाहब आंबेडकर के दादर स्थित 3 मंजिला ऐतिहासिक परिसर 'राजगृह' में घुस गए और तोड़फोड़ मचाई। दोनों आरोपितों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।

सरकार नहीं, मुल्ला-मौलवियों की बातें मानते हैं मुस्लिम: जमातियों की हरकतों से याद आई बाबा साहब की कही बातें

जमातियों की हरकतों को देखें तो आज यही पता चलता है। उन्होंने इस्लाम के नाम पर मेडिकल सलाहों को धता बताया और इस्लामी रीति-रिवाजों का अनुसरण करने के चक्कर में देश से पहले मजहब को रखा, जो आम्बेडकर की बातों को आज भी सत्य सिद्ध करती है।

‘क्रीमी लेयर’ और सामाजिक न्याय का अपहरण

अगर आरक्षण के प्रावधानों से पिछड़ों-दलितों-वंचितों का सशक्तीकरण होता है, तो उन लाभार्थियों की भावी पीढ़ियों को क्रीमी लेयर में शामिल करके भविष्य में आरक्षण लाभ से वंचित क्यों नहीं किया जाना चाहिए? ऐसा करने से ही आरक्षण जैसे संवैधानिक प्रावधान का लाभ त्वरित गति से नीचे तक पहुँचेगा और आरक्षण के क्षेत्र में भी 'ट्रिकल डाउन' की सैद्धान्तिकी सचमुच फलीभूत होगी।

बाबासाहब आजादी से पहले ही भाँप गए थे वहाबियों के खतरे को, चंद कॉन्ग्रेसी नेताओं ने दबा दी थी उनकी आवाज

"मुस्लिमों के लिए हिंदू काफिर है। मुस्लिमों की दृष्टि में काफिर सम्मान के योग्य नहीं होता है, उसकी कोई सामाजिक स्थिति भी नहीं होती है। अत: जिस देश में काफिरों का शासन हो, वह स्थान म्मुस्लिमों के लिए दारुल-हर्ब है। ऐसी स्थिति में यह सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं बचती कि मुस्लिम गैर-मुस्लिम के शासन को स्वीकार नहीं कर पाएँगे। इसलिए भारत और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की पूर्ण अदला-बदली ही क्षेत्र में शांति व सौहार्द रख सकती है।''

जय भीम-जय मीम: न जोगेंद्रनाथ मंडल से सीखा, न मरीचझापी में नामशूद्रों के नरसंहार से

जोगेंद्रनाथ मंडल के साथ जो कुछ हुआ वह बताता है कि 'जय भीम-जय मीम' दलितों के छले जाने का ही नारा है। मजहबी उन्मादी उनकी आड़ लेते हैं। कॉन्ग्रेसी और वामपंथी उनकी लाशों पर चढ़ 'मीम' का तुष्टिकरण करते हैं। #CAA के नाम पर जो हो रहा है वह इससे अलग नहीं।

वतन के बदले क़ुरान के प्रति वफादार हैं मुस्लिम, वो कभी हिन्दुओं को स्वजन नहीं मानेंगे: आंबेडकर

"इस्लाम मुस्लिमों को कबूल नहीं करने देगा की भारत उनकी मातृभमि है। वे कभी नहीं कबूल करेंगे कि हिन्दू उनके स्वजन हैं।" राजनीतिक फायदे के लिए आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने वाले भी आखिर क्यों आज उनकी इन बातों की चर्चा नहीं करते?

मायावती ने किया धर्म बदलने का ऐलान, कहा- मेरे साथ देश भर में बड़ी तादाद में लोग करेंगे धर्मांतरण

नागपुर की रैली में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देशव्यापी धर्म-परिवर्तन तभी संभव हो सकता है जब 'बाबा साहब के अनुयायी' उनके बताए रास्तों पर चलें। बता दें कि नागपुर की ही दीक्षा भूमि में भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपना लिया था।

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