सीएए विरोध के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़काने के पीछे केजरीवाल की पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान का नाम आया था। जहाँ एक तरह ये ख़बर सुर्खियाँ बन रही हैं, दूसरी तरफ केजरीवाल हनुमान चालीसा का पाठ कर के हिन्दू वोटरों को रिझाने में लगे हैं।
"अरविन्द केजरीवाल इस बात से नाराज़ चल रहे थे कि करोड़ों रुपए फूँकने के बाद भी आप को शाहीन बाग़ प्रदर्शन का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। आक्रोशित केजरीवाल ने जब नाराजगी जाहिर की तो अमानतुल्लाह मारपीट पर उतर आए।"
सोशल मीडिया पर लोगों ने अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि वे जहाँ कहीं भी हों, पीड़ित के रुपए दे दें क्योंकि वो बेरोजगार है और उसने जॉब की उम्मीद में ये काम करना स्वीकार किया था।
दिल्ली में करीब 12 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। कई सीटों पर उनका प्रभाव है। एक तबका भाजपा को वोट देता रहा है। लेकिन, दिल्ली के इमाम चाहते हैं कि इस बार मुस्लिम अपनी पसंद के हिसाब से वोट न करें। इसके लिए वे कोशिश कर रहे हैं।
"जो केंद्र सरकार के हाथ में था, वो मोदी सरकार ने किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषियों की दया याचिका खारिज कर दी। अगर दिल्ली सुरक्षित नहीं है, तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही जिम्मेदार हैं। भुगतना पड़ेगा इनको।"
मोहल्ला क्लीनिक में दवाएँ तो दूर न तो सुई है और न ही पट्टी। बीपी चेक कराने के लिए भी बाहर जाने को बोल दिया जाता है। वहीं दूसरे लोग कहते हुए सुनाई देते हैं कि मोहल्ला क्लीनिक अधिक समय तक बंद ही रहते हैं। इसी कारण लोग यहाँ आस-पास गंदगी फैलाते रहते हैं, जिससे ये अब मोहल्ला क्लीनिक नहीं, पेशाब घर बन चुके हैं।
मकर संक्रांति के दिन तीस हजारी कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमे जगह मिले तो हर एक कोर्ट और बार में भी मोहल्ला क्लीनिक बना देंगे।
"शिक्षा क्रांति के बाद केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य क्रांति की पोल भी खुली। स्वार्थी राजनीति के लिए दिल्ली के गरीब को मोदी जी की ‘आयुष्मान योजना’ से दूर रख उसके जीवन से खेलने का जो पाप किया है, उसका जवाब आप को देना होगा।"
दिल्ली में जितने शिक्षक के कुल पद (लगभग 65000) है, उससे अधिक शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकार बनाते ही शुरु कर दी। यूपी में बीते 3 वर्षों में 68000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु हुई है। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होते ही ये शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने लगेंगे। यही नहीं, यूपी ने लाखों अतिथि शिक्षकों के मसले सुलझाए हैं, जो राजनीतिक और शैक्षिक रूप से बेहद संवेदनशील थे।
"जन लोकपाल, न स्वराज, केवल अहंकार का राज. केजरीवाल जी, कहाँ है आप का स्वराज विधेयक?’ उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने स्वराज की केवल बातें की, जिसमें मोहल्ला सभा एवं दिल्ली डायलॉग की बात की। आज तक एक भी सभा नहीं हुई।"