कॉन्ग्रेस कहती है कि वह धार्मिक भावनाओं को तवज्जो नहीं देती। फिर क्या कारण था कि अचानक राजीव गॉंधी हिंदू जनभावना के रथ पर सवार होने को बेचैन हो उठे? इसके लिए वे देवरहा बाबा के पास हाजिरी देने से भी पीछे नहीं हटे।
"सोशल मीडिया पर इसीलिए कड़ी नज़र रखी जा रही है ताकि राम मंदिर पर फ़ैसले को लेकर किसी भी प्रकार के अफवाह को फैलने से रोका जाए। इसके लिए न सिर्फ़ ऑनलाइन वालंटियर्स बाकि इलाक़े के संभ्रांत लोगों की भी मदद ली जा रही है।"
वेदांती ने कहा, "राम मंदिर के निर्माण में देरी के लिए कॉन्ग्रेस और पाकिस्तान जिम्मेदार हैं। वे नहीं चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट में यह मसला सुलझे।" साथ ही कॉन्ग्रेस पर विभाजनकारी राजनीति का भी आरोप लगाया।
अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। भगवान राम की विशाल प्रतिमा के इर्द-गिर्द डिजिटल लाइब्रेरी, सांस्कृतिक केन्द्र और फूड प्लाजा वगैरह भी पर्यटकों के लिए बनाए जाएँगे।
श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद दास कहते हैं कि सुरक्षा कारणों से करीब 19 वर्ष पहले ही पारदर्शी पन्नी में इलायचीदाना, मिश्री व मूंगफली प्रसाद के रूप में ले जाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन बीते दो दिन से प्रसाद लेकर श्रद्धालु नहीं आ पा रहे हैं।
30 अक्टूबर 1990 बताता है कि तुष्टिकरण के नाम पर कथित सेक्युलर जमात के नेताओं ने क्या-क्या कारनामे किए हैं। प्रायश्चित की बजाय कैसे अपने कृत्यों को जायज ठहराया है।
कॉन्ग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि सभी भारतीय चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप किसी मुस्लिम भाई से भी पूछेंगे तो वह भी अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर कहेगा कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहाँ बनेगा?
"मोदी सरकार में बिना किसी भेदभाव के सबका विकास हो रहा है। पिछली सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थीं। पीएम मोदी ने राम राज्य की धारणा को साकार किया है। मोदी ने भारत की परम्परा को विश्व पटल पर रखा। भारत दुनिया में विश्वगुरू के रूप में स्थापित हो रहा है।"
“मैं आप में से एक हूँ। मेरे पूर्वज यहीं के यूपी और बिहार से थे। भारतीय संस्कृति इतनी समृद्ध है कि हमने इसे सहेज कर रखा है। फिजी का हर नागरिक मरने से पहले कम से कम एक बार भारत आने का सपना देखता है।”