पार्टी बदली, इलाका बदला, जेल भी गया लेकिन फिर भी इस बाहुबली का दबदबा कायम रहा। 1987 से सालों तक मोस्ट वांटेड रहे मनोरंजन सिंह को लोग उनके इलाके में ‘धूमल सिंह’ के नाम से बुलाते हैं।
बिहार में लालू-राबड़ी युग के जंगलराज की एक से बढ़ कर एक कहानियाँ हैं। इनमें से एक है छपरा जेल काण्ड। जी हाँ, जेल में रहने वाले कैदियों ने ही जेल पर कब्जा कर लिया था।
नीतीश कुमार ने बताया कि जेडीयू के हिस्से में 122 और बीजेपी के हिस्से में 121 सीटें आई हैं। जीतन राम मांझी की 'हम' पार्टी को जेडीयू अपने हिस्से से सीटें देगी।
बिहार के पूर्णिया में राजद नेता शक्ति मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शक्ति मलिक ने कुछ दिनों पहले टिकट के बदले पैसे माँगने का आरोप तेजस्वी यादव पर लगाया था।
बिहार के चुनावी आग की गर्मी इतनी तेज होती है कि बिहार से दिल्ली तक कुछ भी सुलग सकता है। अगर संभावनाओं की बात करें तो इससे किसी 'दलित' का झोंपड़ा जल सकता है और इलाके के तथाकथित सवर्णों पर आग लगाने का इल्जाम भी थोपा जा सकता है।