कुल 90 सीटों में से कॉन्ग्रेस-शिवसेना के 59 पार्षद थे। वहीं, बीजेपी समर्थित कोणार्क विकास अघाड़ी के पास केवल 31 पार्षद थे। लेकिन, जब अंतिम परिणाम आया तो कॉन्ग्रेस के 47 में से 18 पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया और कोणार्क विकास अघाड़ी की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल 49 वोटों के साथ मेयर चुनी गईं।
कश्मीर पर अफवाह फैलाने में शेहला रशीद पुरानी उस्ताद रही हैं। वे ट्ववीट कर सेना पर कश्मीरियों को प्रताड़ित करने का आरोप तक लगा चुकी हैं। सेना ने उस वक्त कहा था कि लोगों को भड़काने के लिए असामाजिक तत्व और संगठन फर्जी खबरें फैला रहे हैं।
"400 कार्यकर्ता BJP में शामिल हुए हैं। हम सब ख़ुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे क्योंकि शिवसेना ने भ्रष्ट और हिन्दू-विरोधी दलों से हाथ मिलाकर सरकार बनाई है। अभी कई और भी कार्यकर्ता हैं, जो शिवसेना के इस क़दम से नाराज़ हैं और वो भी..."
पंकजा ने उन अफवाहों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि पार्टी पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने ट्विटर परिचय से ‘‘भाजपा’’ हटाया था। सोमवार को पंकजा ने राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर याद करते हुए ‘कमल’ (भाजपा का चिह्न) की तस्वीर पोस्ट की थी।
यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब अधीर होकर उन्होंने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले वह पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घुसपैठिया तक कह चुके हैं। संसद में पहले ही दिन एनआरसी का विरोध करते हुए उन्होंने कहा था कि मोदी और शाह दोनों खुद गुजरात से आकर दिल्ली में बस गए।
“विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंकजा मुंडे आत्मनिरीक्षण कर रही हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा छोड़ रही हैं। दुर्घटनावश बनी सरकार उनके बारे में निराधार खबरें फैला रही है।”
2011 से 2016 के बीच 107 लोगों ने इस कुप्रथा के चलते अपनी जान गँवाई थी। जबकि इसके बाद भाजपा के शासनकाल में इससे संबंधी आँकड़ों में अच्छी-खासी गिरावट। जून 2016 से लेकर अक्टूबर 2019 तक अंधविश्वास के चलते होने वाली हत्या का आँकड़ा गिरकर 23 पर आ गया।
नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि एक बैठक के दौरान जब उन्होंने पीएम मोदी के सामने बढ़ते टैक्स और किसानों का मुद्दा उठाया तो उन्होंने कहा- 'शट अप'। पटोले ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री गंभीर मुद्दों पर सवाल पूछने पर आग-बबूला हो जाते हैं।
अजित पवार के कदम को शरद पवार का मौन समर्थन हासिल था। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा आखिरकार उनकी मॉंगे मान लेगी। लेकिन, जब मोदी उनके दबाव में नहीं आए तो उन्होंने भतीजे को लौट आने का संदेश भिजवाया।