बीजेपी नेता मिश्र प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर हिंदूवादी छवि वाले नेता माने जाते हैं। हाल ही में इन्होंने एक कार्यकर्ता की हत्या को लेकर भीड़ को संबोधित करते हुए समुदाय विशेष अल्पसंख्यकों पर हमला किया था। जिसके बाद से ही इनके पास धमकी भरे फोन आने शुरू हो गए थे।
एक तरफ जहाँ बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि (17 नवंबर) को सरकार बनाने की बात सामने आ रही है वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि सरकार बनने में अभी वक्त लगेगा।
48 वर्षीय छबर के शेख पाँच दिन पहले कूच बिहार में काम करने गए थे, लेकिन उसके बाद से घर वापस नहीं लौटे। घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। काफ़ी ढूँढ़ने के बाद जब उनका कुछ नहीं पता चला, तो उनके परिजनों ने तूफ़ानगंज थाने में लिखित शिक़ायत दर्ज करवाई।
गडकरी का यह बयान शिवसेना विधायक दल में बगावत की खबरों के बीच आया है। हालॉंकि शिवसेना का कहना है कि एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाने के लिए उसने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
कॉन्ग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड को प्रोपेगेंडा किए बगैर चैन नहीं पड़ रहा। उसने खबर यह फैलाई कि सुबह की अज़ान और डेसीबल स्तर के बारे में आया फैसला लागू नहीं किया गया, अतः महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश से संबंधित फैसला भी लागू नहीं होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक स्पीकर रमेश कुमार के उस आदेश को जायज़ ठहराया है, जिसमें इन 17 विधायकों को निलंबित करने का आदेश दिया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी विधायकों के आगामी उप-चुनाव लड़ने के लिए योग्य करार देकर उन्हें राहत प्रदान की है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी संख्या है तो उसे सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए, राज्यपाल ने किसी भी दल को सरकार बनाने से मना नहीं किया है।
आम चुनावों के बाद अमेठी में भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी रहे सुरेंद्र सिंह को रात के करीब तीन बजे गोली मारी गई थी। इस मामले में पुलिस ने वसीम को गिरफ्तार किया था।
कृषि राज्य मंत्री के साथ सांसद हनुमान बेनीवाल भी थे। कहा जा रहा है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के निशाने पर बेनीवाल ही थे। उन्होंने हाल ही में राज्य के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
आडवाणी के मरने की दुआ कर रहा और खुशियाँ मनाने की बात करने वाला यह आदमी तय करता है कि फेसबुक पर कौन सी ख़बरें जाएँगी और कौन सी नहीं। अंदाजा लगाइए नकारात्मकता भरने के लिए ये कैसी ख़बरें आप तक पहुँचाता होगा।