Wednesday, March 26, 2025
Homeराजनीति'सबरीमाला तो ठीक... लेकिन अजान पर भी तो आया था कोर्ट का फैसला, उसका...

‘सबरीमाला तो ठीक… लेकिन अजान पर भी तो आया था कोर्ट का फैसला, उसका क्या?’

"बहुत सारे आदेश हैं जो मस्जिदों से सुबह दी जाने वाली अजान की आवाज़ या माइकों में आवाज़ के डेसीबल स्तर के बारे में भी है। सरकार को लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए।"

भारतीय जनता पार्टी की ओर से सबरीमाला मुद्दे पर बड़ा बयान आया है। भाजपा नेता और पार्टी के प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने आज (गुरुवार, 14 नवंबर, 2019 को) सुप्रीम कोर्ट में सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयुवर्ग की स्त्रियों के प्रवेश के मुद्दे को बड़ी बेंच में भेजे जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अज़ान का मुद्दा उठा लिया।

उन्होंने कहा, “बहुत सारे आदेश हैं जो मस्जिदों से सुबह दी जाने वाली अजान की आवाज़ या माइकों में आवाज़ के डेसीबल (आवाज़ की तीव्रता नापने का वैज्ञानिक पैमाना ) स्तर के बारे में भी है।” इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। उन्होंने यह बात आईएएनएस समाचार एजेंसी से बात करते हुए कही

हालाँकि सुदेश वर्मा ने यह स्पष्ट किया कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन कॉन्ग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड को प्रोपेगेंडा किए बगैर चैन नहीं पड़ रहा। नेशनल हेराल्ड में इस बयान के बारे में छपी रिपोर्ट में अपनी मर्ज़ी से यह जोड़ कर लिखा गया है कि प्रवेश वर्मा का ऐसा कहने के पीछे तात्पर्य यह है कि चूँकि सुबह की अज़ान और डेसीबल स्तर के बारे में आया फैसला लागू नहीं किया गया, अतः महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश से संबंधित फैसला भी लागू नहीं होना चाहिए।

गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट निर्णायक फैसला नहीं सुना पाया। 5 जजों की पीठ में से 3 जज इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेजे जाने के पक्ष में रहे, जबकि 2 जजों ने इससे संबंधित याचिका पर ही सवाल उठा दिए।

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अवाला जस्टिस खानविलकर और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने के पक्ष में अपना मत सुनाया। जबकि पीठ में मौजूद जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन ने सबरीमाला समीक्षा याचिका पर असंतोष व्यक्त किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुझे हरामखोर कहा, कोर्ट खुलने से पहले मेरा घर तोड़ दिया: कुणाल कामरा के ‘हमदर्द’ हंसल मेहता को कंगना रनौत ने दिया करारा जवाब,...

कंगना रनौत ने कहा है कि उद्धव सरकार के दौरान उनके दफ्तर पर अवैध रूप से कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब कामरा पर हो रही कार्रवाई कानूनन रूप से ठीक है।

JNU वाली बकलोली बंद करो कन्हैया कुमार! सड़कों से पानी की नहीं होती चोरी, आता है विकास: अपने मालिक (राहुल गाँधी) से पूछो उसके...

एक समय था कि मजदूरों को पूंजीपतियों और विकास के विरुद्ध भड़का कर कम्युनिस्ट नेतागिरी चमकाया करते थे। अब वह दौर नहीं रहा। कन्हैया की इस राजनीति को बिहार नहीं स्वीकार करने वाला है।
- विज्ञापन -