Monday, November 18, 2024

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शाहीन बाग़ के कारण रोज खर्च होते थे 6 घंटे: कैंसर मरीज की मौत, बेटे ने की थी अमित शाह से अपील

उन्होंने 16 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की थी कि वो इस 'पागलपन' पर लगाम लगाएँ और साथ ही अपने पिता के दुःख को साझा किया था। लेकिन, शाहीन बाग़ वालों का सीएए विरोधी प्रदर्शन अनवरत जारी रहा और मिन्टी के पिता की मृत्यु हो गई।

दिल्ली का एक कोरोना मरीज, उसका CAA-विरोधी कनेक्शन और… 500 से ज्यादा लोगों पर संक्रमण का खतरा!

दिल्ली में अब तक 30 मामले सामने आए हैं जिनमें से 5 का संबंध इस महिला से है। महिला द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण संक्रमित हुए लोगों में महिला की दो बेटियाँ, उसका भाई, माँ और एक डॉक्टर शामिल हैं। इस डॉ की वजह से मोहल्ला क्लिनिक में आने वाले न जाने कितने मरीज भी संदेह के दायरे में......

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की आवश्यकता

NPR बनने और उसके प्रभावी हो जाने पर बाहर जाने वाले 'घुसपैठियों' की संख्या के अनुपात में CAA के उपरोक्त 'लाभार्थी' बहुत ही कम हैं। साथ ही, धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अपने पूर्व-नागरिकों को शरण और नागरिकता देना भारत का संवैधानिक और मानवीय दायित्व भी है।

आपस में ही चले लात-घूसे, बरसे पत्थर: शाहीन बाग में आपस में ही सिर फुटव्वल

कपिल मिश्रा ने एक विडियो शेयर कर बताया है कि बौखलाहट में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी आपस में ही सिर-फुटव्वल कर रहे हैं। ऐसे में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि पेट्रोल बम फेंका जाना भी इनके आपसी लड़ाई का ही नतीजा है।

CAA विरोधियों ने जनता कर्फ्यू का मखौल उड़ाया: लखनऊ और दिल्ली में प्रदर्शन जारी

कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने की सलाह दी जा रही है। लोगों को हाथ न मिलाने से लेकर एक-दूसरे से दूर रहने को कहा जा रहा है। लेकिन, सीएए विरोधी इसे नजरंदाज कर अपने साथ दूसरों के जीवन के लिए भी संकट पैदा कर रहे हैं।

शाहीन बाग़ में फेंका गया पेट्रोल बम, जनता कर्फ्यू से ध्यान खींचने की साजिश बता रहे लोग

सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने जनता कर्फ्यू से ध्यान खींचने के लिए ऐसा किया हो। हालाँकि, इस सम्बन्ध में अभी तक कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है।

प्रदर्शनकारी तबरेज को हुआ कोरोना, पूरी दिल्ली के लिए ख़तरा बना शाहीन बाग़: मजहबी तीर्थयात्रा पर गई बहन से फैला रोग

35 वर्षीय तबरेज को 16 मार्च को कफ आने के बाद कोरोना के लक्षण का शक हुआ। फिर जब उसे क्वारंटाइन कर के जाँच किया गया तो पता चला कि उसे भी कोरोना वायरस ने जकड़ लिया है। चूँकि सीएए विरोधी आंदोलन में कई लोग जा रहे हैं और वो लोग वहाँ से निकलने के बाद अपने परिवार व अन्य लोगों से मिलते होंगे, शाहीन बाग़ अब पूरी दिल्ली के लिए ख़तरा बन चुका है।

CAA विरोधी मास्टर-माइंड की हरकत से 400-450 महिलाओं पर कोरोना का खतरा: सबको ट्रैक करना सरकार के लिए बड़ा चैलेंज!

35 वर्षीय आयोजक व्यक्ति ने कहा कि वह 13 मार्च को अपनी बहन से मिला था और उसके साथ बैठकर कुछ समय भी बिताया था। इसके बाद भी वह दिल्ली के जहाँगीरपुर में सीएए विरोध में चल रहे धरने में भी शामिल हुआ। युवक ने अपनी सफाई देते हुए कहा, "मुझे उस समय अपने अंदर बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिखा था।

सरकार से मास्क और सेनिटायजर माँगने वाले शाहीन बाग में चौकी तो है, लोग नहीं

तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि धरना स्थल पर कुछ मीटरों की दूरी पर जगह-जगह रहे तख्त पर इक्का-दुक्का महिलाएँ बैठी हुई दिखाई दे रही हैं। वहीं कुछ प्रदर्शनकारी मुँह पर मास्क पहने दिखाई दिए, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना के खतरे को देखते हुए 50 से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र न होने की चेतावनी शाहीन बाग के काम नहीं आई।

भीम-मीम का नया शिगूफा: जो विशेष मजहब खुद को हिंदुस्तानी नहीं मानते वे आंबेडकरवादी क्या बनेंगे

उदित ने खुद को मुस्लिम हितैशी साबित करते हुए कुछ आँसू अपनी हथेली पर गिराए और लिखा, "बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से प्रताड़ित मुस्लिम भारत में नागरिकता नहीं ले सकते। बाकी शेष अन्य धर्म के लोगों के लिए भारतीय नागरिकता का दरवाजा खुला है। इससे दलित समाज भावुक रूप से आहत हुआ।"

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