कॉन्ग्रेस चालाक निकली। उसने दिग्विजय और मणिशंकर जैसे नाकारा नेताओं को वहाँ भेज इतिश्री कर ली। 'सरजी' राजनीतिक फसल काटने के लिए लालच में आ गए। अमानतुल्लाह-सिसोदिया ने काम बिगाड़ दिया। अब शाहीनबाग़ वो कुल्हाड़ी बन गया है, जिसे दिल्ली के मुखिया ने अपने पाँव पर ही दे मारा।
इन लोगों ने हाथों में तख्तियाँ और तिरंगा झंडा लिया हुआ था। इन तख्तियों में लिखा था कि भारत के संविधान और 'वन्दे मातरम' का सम्मान करो। इसी रैली में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने वाले फ़ैसले की भी तारीफ की गई। स्कॉटलैंड में खालिस्तानियों के ख़िलाफ़ नारेबाजी हुई।
पश्चिम बंगाल अब चौथा राज्य बन गया है, जहाँ CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है। इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान विधानसभा में सीएए विरोधी प्रस्ताव पास किया जा चुका है।
इमरान कहते हैं कि हिटलर ने आत्महत्या की थी और तानाशाहों का ऐसा ही अंत होता है। आज के दौर में वो तानाशाह किसे कह रहे हैं और किसके मौत की दुआ माँग रहे हैं? मोदी को संविधान का कातिल कहने से पहले उन्होंने अपने साथी शरजील से क्यों नहीं बात की?
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायाधीश एस अब्दुल नज़ीर और न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली दर्जनों याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया। हालाँकि, पीठ ने साफ़ किया त्रिपुरा और असम से संबंधित याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा।
वयोवृद्ध मार्क्सवादी नेता रमेश प्रजापति सीएए से नाराज़ थे। जब उन्होंने खुद को आग लगाई तब उनके पास CAA और NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर कुछ कागजात थे। उनके परिवार ने इस मामले में पुलिस से जाँच की माँग की है।
"ये विरोध CAA का विरोध नहीं है, ये नरेन्द्र मोदी जी का विरोध है। हमने बार-बार बताया कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी की नागरिकता नहीं छिनता। इस देश का हर मुस्लिम नागरिक इज्जत के साथ इस देश में रहता है और रहेगा।"
यूरोपीय संघ की संसद में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाने के पीछे यूके के सांसद शफ्फाक मोहम्मद का दिमाग है, जो कि मूल रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का रहने वाला है। POK में मीरपुर का निवासी शफ्फाक मोहम्मद 2019 से यूरोपियन पार्लियामेंट का सदस्य है।
"शरजील के ख़िलाफ़ असम और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, वो निंदाजनक है। शरजील सिर्फ़ नागरिकता संशोधन कानून का मौख़िक आलोचक है और AMU में जो उसने असम के बारे में बयान दिया, उसे संघ के लोग और भाजपा प्रवक्ता गलत तरह से पेश कर रहे हैं।"
"हम अपनी विचारधारा से समझौता नहीं कर रहे बल्कि अपने तरीके और स्ट्रेटेजी बदल रहे हैं। सभी जाति, धर्म के लोग साथ आएँ। घर पर खूब मजहबी नारे पढ़कर आइए, उनसे आपको ताकत मिलती है। लेकिन सिर्फ मुस्लिम बनकर विरोध मत कीजिए, आप लड़ाई हार जाएँगे।"