11 मिनट 41 सेकंड का ऑडियो। यह ऑडियो सिर्फ दो मुस्लिम व्यक्तियों के बीच बातचीत भर का ऑडियो नहीं है। यह इंटेलिजेंस एजेंसी के सूत्रों से मिला ऑडियो है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में केंद्र सरकार को अस्थिर करने के लिए इस साजिश की प्लानिंग लंबे समय से की गई है। इसकी पूरी फंडिंग ISIS के द्वारा हुई है।
सीएए पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी माइक ने कहा कि सीएए को लेकर संसद में हुई लम्बी बहस को जिसने भी देखा-सुना होगा, उसे पता होगा कि इस क़ानून के द्वारा पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार मिल रहा है।
गुरुवार को कई वामपंथी व मजहबी संगठनों ने बंद का आयोजन किया था। पुलिस को ख़ुफ़िया सूचना मिली कि इस्लामी संगठनों और वामपंथियों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में कुछ देशविरोधी ताक़तें हिंसा पर उतर सकती हैं और दिल्ली की तर्ज पर बेंगलुरु में भी दंगा भड़काया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई कि इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण ये हो सकता है कि उन्होंने नए क़ानून को पढ़ने की जहमत ही नहीं उठाई और दूसरा कारण ये हो सकता है कि उन्हें पढ़ कर भी कुछ समझ नहीं आया। तभी उन्होंने 'दो बाप' वाली पहेली बुझाई।
उन दंगों के कारण केरल से 1 लाख हिन्दुओं को भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रहीं एनी बेसेंट ने इस बारे में अपनी पुस्तक में एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि हिन्दुओं का बुरी तरह से कत्लेआम किया गया। जिन्होंने भी इस्लाम अपनाने से इनकार किया, उन्हें या तो मार डाला गया, या फिर उन्हें भाग कर जान बचानी पड़ी।
संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर मजहबी उन्माद फैलाने की साज़िश रची जा रही है। यहाँ तक कि मस्जिदों से घोषणा की गई ताकि उपद्रवी सड़क पर उतर कर हिंसा करें। इन घोषणाओं का परिणाम क्या हुआ, ये दिल्ली ने भुगता और पूरे देश ने देखा। खुद एक प्रदर्शनकारी ने...
डीयू के छात्रों को उम्मीद है कि जो वामपंथी दिन-रात 'आज़ादी' के नारे लगाते हैं और 'आज़ादी' की माँग कर रहे हैं, वो 'आज़ादी' उन्हें मुफ्त में मिल रही है तो वो ज़रूर आकर ले जाएँगे। ऑपइंडिया को मिली ताज़ा सूचना के अनुसार, अभी तक एक भी वामपंथी 'आज़ादी' लेने नहीं पहुँचा।
कुछ लोग हिंसा भड़का कर नॉर्थ-ईस्ट को जलाना चाहते हैं। हम आपके लिए वो 11 झूठ लेकर आए हैं, जिसका इस्तेमाल कर के CAA को असम सहित अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के ख़िलाफ़ बताया जा रहा है। 11 झूठ और उन सभी को काटता हुआ सच का पुलिंदा। इसे नोट कर लें।
"कॉन्ग्रेस नेता कमरुल इस्लाम हिंसा वाली जगह पर मौजूद था। कॉन्ग्रेस ने अपील की थी कि लोग असम सचिवालय 'जनता भवन' के पास इकट्ठे हों। एक बड़े बुद्धिजीवी ने, जो अकादमिक व्यक्ति भी है, दिल्ली में बैठ कर असम सचिवालय और गुवाहाटी को जलाने की तैयारी की थी। इसमें इस्लामी कट्टरपंथी PFI भी..."
सीएए और एनआरसी को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। फरहान अख्तर ने अंग्रेजी में वही चीजें शेयर की है, जिसमें वही बातें हैं जिन्हे व्हाट्सप्प फॉरवर्ड के माध्यम से फैलाया जा रहा है। आपके सामने जब भी ऐसी बातें आएँ, आप तभी जवाब देने की स्थिति में होंगे जब आपको सच्चाई पता होगी।