छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेसी सरकार की ओर से पत्रकारिता क्षेत्र के लिए पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान दिया जाना है, जो एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार को दिया जाना तय किया गया है।
मुख्यमंत्री पारम्परिक पोषक में दिखे। वहाँ उन्होंने परिवार के साथ गायों की पूजा की। बघेल ने इस दौरान गायों को खिचड़ी खिला कर पूजा की परंपरा का पालन किया। गौरी-पूजा में मुख्यमंत्री ने ताबरतोड़ चाबुक भी खाए।
"राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार मुझे परेशान कर रही है। राज्य की पुलिस एक महिला के आत्महत्या के मामले में मेरी बेटी और परिवार के सदस्यों के फोन टैप कर रही है, साथ ही पीछा भी करती है। इस मामले में मुझे 2 बार क्लीन चिट मिल चुकी है, इसके बावजूद कॉन्ग्रेस सरकार ने इस केस को दोबारा से चालू किया है।"
पिछले दिनों बृहस्पति सिंह ने अधिकारियों को जूता मारने का विवादित बयान भी दिया था। इससे पहले प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी ने कहा था कि बड़ा नेता बनना है तो एसपी और कलेक्टर का कॉलर पकड़ो।
दंतेवाड़ा में इस महीने की 23 तारीख को वोट डाले जाएँगे। बीते साल इस सीट से भाजपा के भीमा मंडावी ने जीत दर्ज की थी। उनके निधन के कारण यहॉं उपचुनाव कराया जा रहा है। भाजपा ने मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को मैदान में उतारा है तो कॉन्ग्रेस की ओर से देवती कर्मा चुनाव लड़ रही हैं।
बेहद शर्म की बात है कि महत्वपूर्ण पद पर होते हुए भी कवासी लखमा शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों के बीच बकायदा मजे लेकर ये बता रहे हैं कि किस तरह से गुंडागर्दी करके बड़ा नेता बना जा सकता है। जबकि वे बच्चों को भविष्य के लिए अच्छी सीख दे सकते थे।
3 फरवरी को मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। मामला 2013 में भाजपा की प्रत्याशी रहीं समीरा पैकरा ने दर्ज कराया था। दर्ज की गई शिक़ायत के अनुसार जोगी ने शपथ-पत्र में अपना जन्म स्थान ग़लत बताया था।
नंदकुमार बघेल ने कहा कि दूसरे राज्यों के अधिकारी किसी की नहीं सुन रहे हैं। इन अधिकारियों को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह आए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व टीएस सिंहदेव को चाहिए कि ऐसे अकड़बाज अधिकारियों को तत्काल बाहर निकालें।
नक्सलियों ने अपने पर्चे में लिखा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करना मोदी सरकार की तानाशाही और हिटलरशाही को दिखाता है। नक्सलियों ने दादू राम को मारने का कारण बताते हुए लिखा कि वह भाजपा और संघ से जुड़े हुए थे।
"अजीत जोगी कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं दे सके जिससे वह यह साबित कर सकें कि वह आदिवासी जाति से ताल्लुक रखते हैं। लिहाजा बिलासपुर के कलेक्टर को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी नियम 2013 के तहत उन पर एक्शन लेने के लिए कहा गया है।"