Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीति'बंद करो IPS ऑफिसर और उनकी बेटियों की फोन टैपिंग' - छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस...

‘बंद करो IPS ऑफिसर और उनकी बेटियों की फोन टैपिंग’ – छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार को SC से फटकार

IPS मुकेश गुप्ता पिछली भाजपा सरकार में राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक और आर्थिक अपराध शाखा के प्रमुख थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि...

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (अक्टूबर 25, 2019) को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मुकेश गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार की खिंचाई की। पुलिस अधिकारी मुकेश गुप्ता ने अपनी याचिका में दावा किया कि राज्य पुलिस उनकी पुत्री व परिवार के अन्य सदस्यों का फोन टैप कर रही है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से फोन टैपिंग पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया तथा गुप्ता के खिलाफ दर्ज मामलों में उनकी गिरफ्तारी से भी राहत प्रदान की।

मुकदमे की अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने छत्तीसगढ़ सरकार से कहा कि अधिकारी के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर लगाई गई अंतरिम रोक जारी रहेगी। 

बता दें कि मुकेश गुप्ता पिछली भाजपा सरकार में राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के पुलिस महानिदेशक और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के प्रमुख थे। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार उन्हें परेशान कर रही है। उन्होंने आगे आरोप लगाया और कहा कि राज्य पुलिस 2001 में एक महिला के आत्महत्या के मामले में उनकी बेटी और परिवार के सदस्यों के फोन टैप कर रही थी और साथ ही पीछा भी कर रही थी। उनका कहना है कि इस मामले में उन्हें दो बार क्लीन चिट मिल चुकी है, इसके बावजूद कॉन्ग्रेस सरकार ने इस केस को दोबारा से चालू किया है।

आईपीएस अधिकारी की तरफ से कोर्ट में पेश होने वाले वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार द्वारा गुप्त रूप से मुकेश गुप्ता, उनकी दोनों बेटियों, उनके ड्राइवर और दोस्त के कॉल को टैप किया जा रहा है। जेठमलानी ने आरोप लगाया कि सरकार गुप्ता के खिलाफ गलत ढंग से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कोर्ट से गुप्ता के खिलाफ जाँच को रद्द करने की अपील की।

वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि IPS अधिकारी ने उच्च न्यायालय में भी एक ऐसी याचिका दायर की है, जहाँ याचिका लंबित है। रोहतगी ने कहा कि हाइकोर्ट ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जाँच में सहयोग करने के लिए कहा है और वो एक ही समय में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके दो नावों की सवारी कर रहे हैं। यह कानून का उल्लंघन है।

इस पर अदालत की बेंच ने कहा कि मुकेश गुप्ता के हाईकोर्ट में याचिका दायर करने में कोई आपत्ति नहीं है, वो हाईकोर्ट जा सकते हैं, लेकिन यहाँ पर सवाल यह पूछा गया है कि उनके फोन क्यों टैप किए जा रहे थे? रोहतगी ने कहा कि वो अदालत को आश्वासन देते हैं कि अगर मुकेश गुुप्ता का फोन टैप किया जा रहा था, तो उसे तुरंत रोक दिया जाएगा और वो इसका जवाब भी देंगे कि सरकार के निर्देश के बावजूद ऐसा क्यों किया जा रहा था।

गौरतलब है कि मुकेश गुप्ता और पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह पर 2015 में नागरिक आपूर्ति घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद जाँच के दौरान गैरकानूनी तरीके से फोन टैप करने और भारतीय टेलीग्राफ कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप हैं। दोनों अधिकारी को इसी साल फरवरी में निलंबित कर दिया गया था। गुप्ता और सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 193, 201, 466, 471 और 120बी के साथ ही भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -