आज NRC और CAA पर जिस तरह भ्रम का माहौल बनाने की कोशिश हो रही। समुदाय विशेष को उकसाया जा रहा। ऐसा ही कभी अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कॉन्ग्रेसियों और वामपंथियों ने किया था। तब संसद में वाजपेयी ने कहा था...
जोगेंद्रनाथ मंडल के साथ जो कुछ हुआ वह बताता है कि 'जय भीम-जय मीम' दलितों के छले जाने का ही नारा है। मजहबी उन्मादी उनकी आड़ लेते हैं। कॉन्ग्रेसी और वामपंथी उनकी लाशों पर चढ़ 'मीम' का तुष्टिकरण करते हैं। #CAA के नाम पर जो हो रहा है वह इससे अलग नहीं।
एससी/एसटी कमीशन के चेयरमैन ने बताया कि भारत में जिन शरणार्थियों को सीएए के तहत नागरिकता मिलने वाली है। उनमें 70 से 75 प्रतिशत दलित, ओबीसी और गरीब है। जिन्हें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भगाया गया था।
राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए इस रिपोर्ट का नाम दिया गया है- “उत्तर प्रदेश में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती कहानी” - इस रिपोर्ट में शरणार्थियों की निजी कहानियाँ और अनुभव भी समाहित हैं।
दिल्ली में होने वाली विपक्ष की बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के बाद अब मायावती की बहुजन समाज पार्टी, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और शिवसेना ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है।
“आज CAA लागू हो गया । मोदी को बोलो पहले अपने कागज, अपनी डिग्री इन “entire political science” दिखाए, और अपने बाप का और ख़ानदान का birth सर्टिफ़िकेट दिखाए सारे हिंदुस्तान को। फिर हमसे माँगे। #f**k CAA”
इस समय सोशल मीडिया पर कई सौ या शायद हजारों की तादाद में ऐसे सबूत वायरल हो रहे हैं जो राणा अयूब की फर्जी दावों को झूठा साबित करते हैं। बताते हैं कि सड़कों पर उतरी कट्टरपंथियों की भीड़ न शांतिपूर्ण है और न ही उसका मकसद पाक है।
यूपी में सीएए के विरोध में हुई हिंसा में पीएफआई की संलिप्तता सामने आई है। इस कट्टरपंथी संगठन के संबंध आतंकियों से बताए जा रहे हैं। इस पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया है। बावजूद बंगाल में उसे प्रदर्शन की इजाजत किसने दी?
"सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए। अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफ़सोस है कि भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान ज़िंदाबाद बोलने वाले गद्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यों कहा।"