"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही संसद में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में टिप्पणी की और रात में उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगा दिया गया। आप कश्मीर पर इस तरह राज नहीं कर सकते हैं। कश्मीर भौगोलिक तौर पर तो हमारा है लेकिन भावनात्मक रूप से नहीं।"
नेताजी को 1580 वोट, गाँधी के पट्टाभि को 1377 मत... फिर भी बीमार बोस जब स्ट्रेचर पर कॉन्ग्रेस के त्रिपुर सेशन में पहुँचे, तब 2 लाख लोगों के सामने उनके राजनैतिक जीवन को सबसे बड़ा झटका लगा। अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा।
"कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में भगवान राम की तुलना तीन तलाक और हलाला से करते हैं। युवक कॉन्ग्रेस के एक नेता गाय की हत्या कर सार्वजनिक रूप से गौ मांस भक्षण करते हैं।"
“प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद दोनों अधिकारी खुद का बचाव कर रहे थे। महिलाओं को अपमानित करना भाजपा और आरएसएस की संस्कृति है। सरकार दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं करेगी।”
जब कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी सहित राजीव गाँधी के परिवार ने दोषियों को 'माफ' कर दिया और कहा कि हत्यारों को रिहा करने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, तो राजीव गाँधी के साथ मरने वालों के परिजन उनके इस कदम से खुश नहीं थे। राजीव गाँधी के साथ जान गँवाने वालों 13 लोगों के परिजनों की तरफ से सोनिया गाँधी या उनके बच्चे कैसे फैसला ले सकते हैं?
"अगर आप 2024 में भी दोबारा राहुल गाँधी को चुनने की गलती करेंगे तो आप नरेंद्र मोदी को फायदा पहुँचाएँगे। ‘खानदान की पाँचवीं पीढ़ी’ के राहुल गाँधी के पास भारतीय राजनीति में ‘कठोर परिश्रमी और खुद मुकाम बनाने वाले’ नरेंद्र मोदी के सामने कोई मौका नहीं है।"
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के प्रिंसीपल को निलंबित करने से नाराज़ स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपने अभिवावकों के साथ एक विरोध मार्च निकाला और अधिकारियों से प्रिंसीपल का निलंबन रद्द करने की माँग की। वहीं आपको बता दें कि स्कूल के प्रिंसीपल आरएन केरावत को शतप्रतिशत परिणाम देने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
“अगर किसी राज्य में छात्रों के साथ इस तरह की हिंसा होती तो मुख्यमंत्री जरूर उनसे मिलने जाते और सहानुभूति जताते। असल में केजरीवाल ‘जिम्मेदारी के बिना सत्ता’ चाहते हैं, जैसा कि नपुंसक हमेशा से चाहते हैं।”
दिल्ली में होने वाली विपक्ष की बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के बाद अब मायावती की बहुजन समाज पार्टी, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और शिवसेना ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है।
जब तक जनता ने चिदंबरम की पार्टी की योजनाओं और झूठे वादों को बिना कोई सवाल किए, बिना कोई जाँच-पड़ताल किए आँख मूँदकर माना, तो समझदार... लेकिन जैसे ही जनता ने सच्चाई को देख-समझकर, देश हित को जान कर फैसला लेना शुरू किया वो बेवकूफ! तिहाड़ी से आने के बाद शायद...