एक व्यक्ति ने अपना अनुभव साझा करते हुए सलाह दी कि मोजों के एक दर्जन पैकेट्स ख़रीद लो और उनका टॉयलेट पेपर के रूप में प्रयोग कर के फिर 'ड्राई वाश' कर के सूखने के लिए डाल दो, फिर टॉयलेट पेपर की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।
65 वर्षीय मृतक तबलीगी जमात से जुड़ा था। कुछ दिन पहले दिल्ली में एक मजहबी आयोजन में शामिल हुआ था। इस आयोजन में अन्य देशों के लोग भी थे। श्रीनगर लौटने से पूर्व वह जम्मू के पास एक मदरसा में भी रुका था।
इस ख़बर के सामने आने के बाद जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने इसे नकार दिया। अमेरिका के मेरीलैंड में स्थित यूनिवर्सिटी ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया कि उसने ऐसा कोई रिसर्च प्रकाशित नहीं किया है। यूनिवर्सिटी ने लिखा कि इस कथित 'रिसर्च' में उसके लोगो और नाम का भी ग़लत इस्तेमाल किया गया है।
कोरोना संक्रमण के बीच अफवाहें भी जानलेवा साबित हो रहीं। ऐसी ही एक अफवाह है- इंडस्ट्रियल अल्कोहल पीने से वायरस का मर जाना। बॉडी सैनिटाइज हो जाना। इस अफवाह के कारण ईरान में संकट दोहरा हो गया है। जहर लगातार फैलता जा रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रात में मीटिंग कर मजदूर हित में यह बड़ा फैसला लिया है। बस का इंतजाम नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ समेत कई अन्य जिलों में किया गया, जहाँ से मजदूर अपने घरों को जा सकेंगे। मुख्यमंत्री के इस बड़े फैसले से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग अपने-अपने घर तक पहुँच सकेंगे।
"मैं निश्चित रूप से कहूँगा कि यह एक अभूतपूर्व स्टेज है क्योंकि हमने कभी इस तरह की मुश्किल पहले नहीं देखी। कंडोम और भी महँगा हो सकता है। हम अभी भी अपने सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन दे रहे हैं, जबकि कंपनी के कर्मचारी केवल आधे समय ही काम कर रहे हैं। इसलिए आगामी समय में कंडोम की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।"
CNBC-TV18 से बातचीत में विप्रो ने कहा, “यह ऐलान मार्च 2019 में हुआ था। आज ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।” करीब एक साल पहले मार्च 2019 में जब अजीम विप्रो के चेयरमैन थे, तो उन्होंने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के लिए 52750 करोड़ रुपए दान किया था।
जैसे ही रामायण का पहला एपिसोड शुरू हुआ, लोगों ने गूगल पर रामानंद सागर की रामायण सर्च करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से यह गूगल में टॉप सर्च में आ गया। दरअसल लोग यह जानने को काफी उत्सुक थे कि इसका प्रसारण कब शुरू होगा और वो इसे ऑनलाइन कैसे देख पाएँगे।
"बाजार से मास्क समाप्त हो गए थे। मेरे इलाके के अधिकांश लोग बिना मास्क लगाए ही घूम रहे थे। फिर मैंने मन बनाया कि इनके लिए घर पर ही मास्क बनाऊँगी। जैसे-जैसे मैं मास्क बनाती गई, वैसे-वैसे पास के पुलिस प्रशासन और क्षेत्र की जनता को बाँटती भी गई।"
रहमानिया मस्जिद से एक किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू। क्योंकि 12 मार्च को ओमान से आया कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति 24 मार्च तक इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने आता रहा जबकि उसे खाँसी बुखार के लक्षण थे। यह खुद 200 से ज्यादा लोगों से मिला है। और इसके परिवार के 32 लोग हजारों लोगों से!