गुरूवार की शाम रामपुर रोड स्थित नाले से बोरों में भरे करीब एक दर्जन गोवंशों के अवशेष मिले थे। ग्रामीणों ने इन अवशेषों को नाले में पड़े देखकर मामले की सूचना पुलिस को दी थी। मौके पर पहुँची पुलिस ने गोवंश की खाल, कटा हुआ सिर तथा अन्य अवशेष देखे।
दरोगा सहित 5 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित कर दिया गया है। इस घटना की जाँच-पड़ताल के लिए 3 टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने कई मीट विक्रेताओं और मांसाहार परोसने वाले होटलों में छापा मारकर 13 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
महात्मा गाँधी का मांनना था कि मुस्लिमों को गोहत्या से वंचित करने का अर्थ है उनसे जबरन हिन्दू धर्म कबूल करवाना। राष्ट्रपिता के अनुसार, अगर मुस्लिम बात नहीं मानते हैं तो गाय को मरने देना चाहिए। महात्मा गाँधी गोहत्या पर बिना मुस्लिमों की सहमति के प्रतिबन्ध लगाने के विरोधी थे।
पंजाब के सुनाम क्षेत्र से विधायक अमन अरोड़ा ने एक पत्र में आवारा पशुओं के मुद्दे को हल करने के चुनावी वादे पर लोगों को धोखा देने के लिए राज्य सरकार को कड़ी फ़टकार लगाई।
सिखोड़ा से दो भैंसों की चोरी के मामले में अकरम भाटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उस पर पहले भी लोगों के पैसे नहीं लौटाने के आरोप लगते रहे हैं। बवाल के बाद अकरम और और उसके बाप असलम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पुलिस द्वारा FIR में कसाइयों का ज़िक्र न किए जाने से लोगों में आक्रोश पनप गया। हिन्दू युवा वाहिनी समेत कई संगठनों ने इस घटना के ख़ुलासे के लिए पुलिस प्रशासन को 48 घंटे की मोहलत दी है। साथ ही मृतक के परिजनों के लिए मुआवज़े के तौर पर 25 लाख रुपए की माँग भी की।
370 खत्म करने को पाकिस्तानी जिहादी 'हिन्दू आक्रमण' के रूप में देखते हैं, इसलिए हिंदुस्तान के हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए पाकिस्तानी हैदराबाद शहर की सुन्नी तहरीक के कठमुल्लों ने इंसानियत की हद ही पार कर दी। यह गाय से अधिक इंसानियत की हत्या है।
"आज मैंने गोमांस खाकर पाकिस्तान की खु़शी में भाग लिया। मैं जो खाती हूँ वह मेरी स्वाद का विकल्प है। गोमांस शब्द पढ़ने पर, कृपया न कोई षड्यंत्र शुरू करें और न अपने व्यवहार का परिचय दें।"
देश में मवेशियों के व्यापार पर प्रभावी रोक ने इस अवैध व्यापार को प्रभावित किया है। फिर भी, भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी का यह दुष्चक्र बीएसएफ के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसका कोई अंत नहीं है।
"पशुओं की क़ुर्बानी सड़कों पर नहीं दी जानी चाहिए। उनकी क़ुर्बानी घर या मदरसे के अंदर दी जा सकती है जिससे अन्य समुदाय के लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। पशुओं की क़ुर्बानी की कोई भी फ़ोटो सोशल मीडिया पर नहीं जानी चाहिए।"