आसपास के माहौल को शांत देख कर नितिन ने घर से बाहर पैर तो रखा, लेकिन दंगाइयों से अपनी जान बचा पाने में असफल रहा। उसे गोली लगी या पत्थर... किसी को कुछ नहीं पता। लेकिन जब उसे अस्पताल ले जाया गया तब वो जिंदा था, मगर सिर में चोट इतनी गहरी थी कि वो 3-4 घंटे में ही जिंदगी की जंग हार गया।
"जो लोग क्लास अटेंड करना चाहते हैं, वो असंवेदनशील हैं। मैं एक मुस्लिम होकर यात्रा करने या बाहर निकलने में सुरक्षित महसूस नहीं करती हूँ। जिस दिन ये सब आप लोगों के साथ होगा, उस दिन पता चलेगा।"
अपने दो छोटे-छोटे बच्चों के लिए दूध लेने निकले दिनेश को मजहबी भीड़ ने मार डाला। उनके भाई ने कहा कि पुलिस हिन्दुओं के पास से एक चाकू मिलने पर भी कार्रवाई करती है, जबकि मुस्लिम घर-घर में हथियार रखते हैं। उन्होंने एक-एक मुस्लिम के घरों की तलाशी लेने की माँग की।
बरखा दत्त ने अपनी सालों से सींची गई प्रोपेगेंडा पत्रकार की भूमिका का बखूबी निर्वाह करते हुए इस हिन्दू विरोधी दंगों की रिपोर्टिंग में भी जानबूझकर हिन्दू विक्टिम्स को दरकिनार किया और सारा फोकस मुस्लिम पीड़ितों पर ही बनाए रखा, जिससे इन दंगों को मुस्लिम नरसंहार साबित किया जा सके, जबकि जमीनी वास्तविकता ठीक इससे उलट है।
"अंबे एन्क्लेव चौहान मोहल्ला सोनिया विहार दिल्ली-110094 में अभी-अभी एक गरीब और कमजोर के घर को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया। आखिर दिल्ली कब जलना बन्द होगी।" - यही वो फेक मैसेज था, जिसे AAP विधायक अमानतुल्लाह खान फैलाना चाह रहे थे लेकिन...
द प्रिंट में काम करने वाली महिला 'पत्रकार' नीरा मजूमदार ने न केवल भारत माता की जय बोलने वालों को गुंडा करार दिया बल्कि पुलिस से भी जवाब तलब कर लिया कि आखिर ऐसे लोगों को इस तरह की रैली निकालने की अनुमति दे कैसे दी?
अंकित उनसे हाथ-पाँव जोड़ कर विनती कर रहे थे कि वो पत्थरबाजी न करें। तभी दंगाई भीड़ अचानक से आगे बढ़ी और उन्होंने मिल कर अंकित की पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद क्या हुआ, ये चश्मदीद प्रदीप वर्मा ने ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए सब कुछ बताया है। देखें वीडियो।
जितने बड़े स्तर की तैयारी इस्लामी कट्टरवादियों ने की थी, वो 1 दिन में हो ही नहीं सकती। अब देखिए 23 फ़रवरी का वो लाइव वीडियो, जो बताता है कि कपिल मिश्रा के बयान से पहले ही दंगाई भीड़ ने दंगे शुरू कर दिए थे। ये वीडियो है इसका सबसे बड़ा सबूत।
द पायनियर के वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने खुलासा किया कि किस तरह एक अमेरिकी अखबार ने उन्हें दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में हुई मौतों को सांप्रदायिक आधार पर रिपोर्ट करता एक 1000 शब्द का आर्टिकल लिखने के लिए 1500 अमेरिकी डॉलर की पेशकश की।
दिल्ली में नाले से तीन शव बरामद हुए हैं, जिसमें एक शव गोकुलपुरी नाले से, जबकि दो शव भागीरथी विहार के नाले से बरामद हुए हैं। इसी के साथ दिल्ली हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या 45 पहुँच गई है।